रैयाम चीनी मिल परिसर में फिर से उद्योग लगाए सरकार
विधायक डॉ. मुरारी मोहन झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर रैयाम चीनी मिल की वर्षों से बंद पड़ी जमीन के पुनर्मूल्यांकन की मांग की। उन्होंने बताया कि इस मिल की स्थापना 1914 में हुई थी और 30...

केवटी। विधायक डॉ. मुरारी मोहन झा ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर वर्षों से बंद पड़ी रैयाम चीनी मिल की सैकड़ों एकड़ खाली पड़ी जमीन का अतिशीघ्र पुनर्मूल्यांकन कर वहां नया उद्योग स्थापित करने की मांग की। अपने पत्र में डॉ. झा ने कहा है कि इस मिल की स्थापना वर्ष 1914 में हुई थी। वर्ष 2006 में बिहार सरकार की ओर से 15 मिलों का मूल्यांकन कराया गया था, जिसमें एक रैयाम चीनी मिल भी शामिल थी। इनमें से आठ मिलों की जमीन बियाडा को दी गई, जहां आज उद्योग खड़े हो रहे हैं। लेकिन रैयाम चीनी मिल की जमीन तिरहुत इंडस्ट्रियल लिमिटेड को दे दी गई।
उसने शर्तों को पूरा नहीं किया। इस कारण वर्ष 2021 में उद्योग विभाग ने एकरारनामा रद्द कर दिया। इसके बाद से लगातार पत्राचार एवं विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से सरकार के समक्ष 30 वर्षों से बंद पड़ी रैयाम चीनी मिल को पुन: चालू करने या उस स्थान पर कोई अन्य उद्योग स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहा, जिसका परिणाम है कि विभाग ने पुन: पुनर्मूल्यांकन के लिए एसबीआई कैब्स, कोलकाता को जिम्मेदारी दी। अब यहां अतिशीघ्र मूल्यांकन कर नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को लाभ मिलेगा ।
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