10 वर्ष बाद दोबारा शुरू हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
दरभंगा के डीएमसीएच में 10 साल बाद मरीजों के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा शुरू की गई है। सर्जरी विभाग ने बिना चीड़फाड़ के महिला की सफल सर्जरी की। मरीज शीला देवी अब स्वस्थ हो रही हैं। अस्पताल...

दरभंगा। उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकत्सिा संस्थान डीएमसीएच में मरीजों के इलाज के लिए लगातार आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। अस्पताल के सर्जरी विभाग में 10 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार को मरीजों के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो गई। यहां वर्ष 2015 के बाद से लेप्रोस्कॉपी ठप थी। सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर-एक में डॉ. शिवानंद यूनिट के चिकत्सिकों ने बिना चीड़फाड़ किए महिला की आधुनिक विधि से लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की। सफल सर्जरी होने से मरीज के परिजनों के अलावा अस्पताल प्रशासन और चिकत्सिकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। सर्जरी के बाद मरीज शीला देवी स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं।
मधुबनी जिले के जयनगर के कमला रोड निवासी किशुन पासवान ने आधुनिक विधि से पत्नी की सर्जरी होने पर खुशी जताई। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को अपेंडक्सि की शिकायत थी। कुछ दिनों तक मधुबनी के सदर अस्पताल में उनका इलाज चला। बेहतर इलाज के लिए उन्हें डीएमसीएच रेफर कर दिया गया था। चार दिनों से वे यहां इलाजरत हैं। बिना चीड़फाड़ किए चिकत्सिकों ने अपेंडक्सि का ऑपरेशन कर उन्हें काफी राहत दी। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू हो जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. शीला कुमारी और उपाधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की। सभी चिकत्सिकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू हो जाने से कई जिले के मरीजों को लाभ पहुंचेगा।
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