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बिहार के सरकारी स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई, पैरेंट्स को मिलेगी पेन ड्राइव; बच्चों की लगेगी ऑनलाइन हाजिरी

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 'शिक्षा की बात' में बताया कि जल्द राज्य के सरकारी स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई होगी। जिसके लिए भिभावकों को पेन ड्राइव में दी जाएगी। साथ ही कक्षा छह से 12 तक के विद्यालयों में कंप्यूटर भी उपलब्ध कराये जाएंगे।

sandeep हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 19 April 2025 10:31 PM
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बिहार के सरकारी स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई, पैरेंट्स को मिलेगी पेन ड्राइव; बच्चों की लगेगी ऑनलाइन हाजिरी

राज्य के सरकारी विद्यालयों में जल्द ही डिजिटल पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पाठ्य सामग्री बच्चे अथवा उनके अभिभावकों को पेन ड्राइव में दी जाएगी। साथ ही कक्षा छह से 12 तक के विद्यालयों में आवश्यकतानुसार कंप्यूटर भी उपलब्ध कराये जाएंगे। इन विद्यालयों में आईसीटी लैब की भी स्थापना की जा रही है। मकसद यही है कि बच्चे कंप्यूटर की शिक्षा में बेहतर कर सकें। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात, हर शनिवार’ कार्यक्रम के तहत अपनी बात रखी है।

उन्होंने यह भी कहा है कि शिक्षक जो भी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, उसके अनुरूप कक्षा में जाकर बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं। यह विभाग के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमने एससीईआरटी को निर्देश दिया है कि आप शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं तो यह भी सुनिश्चित कराएं कि वह कक्षा में उसका पालन करें। इसके लिए पदाधिकारियों को स्कूल से टैग करें, ताकि गुणवत्ता शिक्षा बच्चों को मिले। डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि चेतना सत्र को गंभीरता से लें। चेतना सत्र शुरू होने के पहले विद्यालय में अनिवार्य रूप से पहुंच जाएं। चेतना सत्र के दौरान बच्चों के साथ मानवीय गुणों, राष्ट्र, राज्य प्रेम तथा समसामयिक घटनाओं पर चर्चा करें। शिक्षकों को हम कहेंगे कि वह स्थानीय भाषा का उपयोग बच्चों को कक्षा में पढ़ाते समय करें। स्थानीय भाषा में खासकर छोटे बच्चों को समझने में सुविधा होती है।

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डॉ. एस सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि राज्य के छह जिले पटना, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, सारण और भोजपुर के पांच-पांच अर्थात कुल 30 विद्यालयों में एक मई से बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी बनेगी। इसके लिए संबंधित विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बनेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की जा रही है, जिसे बाद में अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। शुरुआती चरण में कक्षा तीन के छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हाजिरी बनेगी। चेतना सत्र के दौरान टैबलेट से प्रतिदिन आगे और पीछे से एक-एक फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।