सैकड़ों विशिष्ट शिक्षकों को वेतन भुगतान कराने की शुरू हुई कवायद
सैकड़ों विशिष्ट शिक्षकों को वेतन भुगतान कराने की शुरू हुई कवायद सैकड़ों विशिष्ट शिक्षकों को वेतन भुगतान कराने की शुरू हुई कवायद

नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बने शिक्षकों में करीब 20 फीसदी को वेतन नहीं मिला है। करीब एक हजार विशिष्ट शिक्षक बिना वेतन के परेशान हैं। आर्थिक तंगी के बीच विभागीय चक्कर लगाते-लगाते थक-हार गए हैं। अब शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को वेतन भुगतान करने की दिशा में बुधवार से कवायद शुरू की है। जिला शिक्षा कार्यालय में वेतन नहीं पाने वाले विशिष्ट शिक्षकों से जरूरी कागजात के साथ आवेदन लिए गए। करीब 600 लोगों ने विभाग की ओर से मांगे गए कागजात उपलब्ध कराए। अनुमान है कि अब एक सप्ताह के अंदर इन शिक्षकों का वेतन भुगतान हो जाएगा।
डीपीओ (स्थापना) गोपाल कृष्ण ने बताया कि बुधवार को कार्यालय में विशेष रूप से विशिष्ट शिक्षक के लिए काम किया गया। करीब छह सौ विशिष्ट शिक्षकों ने जरूरी कागजात के साथ आवेदन जमा किए हैं। सक्षमता परीक्षा वाला एडमिट कार्ड, प्राण नंबर, आधार व मोबाइल नंबर के साथ आवेदन लिया गया। इन आवेदनों को स्थानीय स्तर पर देखा जाएगा। एचआरएमएस वेबसाइट पर ऑन बोर्डिंग हो जाने पर भुगतान कर दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर नहीं होने पर आवेदनों को मुख्यालय भेजा जाएगा। लेकिन, उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर सभी शिक्षकों के बकाए वेतन का भुगतान हो जाएगा।
एक कागज लेकर बुलाया गया, यहां कई मांगे गए
डीईओ कार्यालय में बुधवार की दोपहर करीब 12:30 बजे रानीगंज से आए विशिष्ट शिक्षक शाहिद अनवर से मुलाकात हुई। बताया कि चार माह से वेतन नहीं मिला है। एक कागज लेकर बुलाया गया था यहां आने पर कई अन्य कागज मांगे जा रहे हैं। बहुत परेशानी है। बेलागंज के हसनपुर से आए शिक्षक विपुल कुमार ने बताया कि चार माह से वेतन नहीं मिलने के कारण स्थिति खराब है। चार माह छुट्टी के दिन भीषण गर्मी में बुलाया गया है। देखना है कि कब वेतन मिलता है।
बिना वेतन कई प्रकार के संकट झेल रहे शिक्षक
चार माह से बिना वेतन के शिक्षकों का हाल बेहद बुरा है। आर्थिक संकट के साथ मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं।
बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन (गोप गुट) के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण सैकड़ों शिक्षकों को चार माह से वेतन नहीं मिल पाया है। वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। शिक्षक बच्चों का स्कूल फीस व बैंक का ईएमआइ नहीं दे पा रहे हैं। प्राण नंबर जेनरेट नहीं होने और एचआरएमएस वेबसाइट ऑन बोर्डिंग नहीं होने के कारण वेतन लटका है। बुधवार को विभाग की ओर से आवेदन व कागजात लिए गए हैं। विभाग की यह पहल सराहनीय है।
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