नुक्कड़ नाटक में जातिगत भेदभाव की समस्या को दिखाया
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने न्याय, समानता और मानवाधिकारों पर अपने विचार साझा किए। संविधान की उद्देशिका का...
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडर की जयंती पर आयोजित विशेष पखवाड़े के तहत संरक्षण में स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) के अंतर्गत संचालित लीगल एड क्लीनिक की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। ''भारत पर डॉ. आंबेडकर के विचार'' विषय पर छात्रों ने डॉ. अंबेडकर के न्याय, समानता और मानवाधिकारों की दिशा में योगदान पर अपने विचार साझा किए। सर्वश्रेष्ठ तीन प्रविष्टियों का चयन कर विजेताओं नकद पुरस्कार दिया जाएगा। फतेहपुर-टेपा स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के समक्ष भारत के संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ किया गया। सत्र का नेतृत्व करते हुए संकाय समन्वयक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उसके मूल आदर्शों की व्याख्या की। विद्यालय परिसर में लीगल एड क्लिनिक छात्र सदस्यों क्रमशः शिवांगी, रमणंद रमण, मुदित, बिपाशा, आयुष, दिव्यांशु, मानसी, अनन्या और सागर ने नुक्कड़ नाटक ''एक फूल'' का मंचन किया गया। इस नाटक के माध्यम से जातिगत भेदभाव की समस्या को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में स्कूली छात्रों के लिए ''संविधान का महत्व और महिला सशक्तिकरण'' विषय पर वाद-विवाद आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया। प्रतियोगिता में सृष्टि कुमारी ने प्रभावशाली और आत्मविश्वास पूर्ण वक्तव्य प्रस्तुत कर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। अंकित राज ने ज्योतिबा फुले के योगदान पर प्रकाश डालते हुए द्वितीय पुरस्कार जीता। प्रतिज्ञा कुमारी ने महिला अधिकारों और शिक्षा की आवश्यकता पर सशक्त तर्क प्रस्तुत कर तृतीय पुरस्कार अर्जित किया। इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक डॉ. पूनम कुमारी, क्लीनिक के समन्वयक डॉ. सुरेंद्र कुमार एवं सह-समन्वयक डॉ. अनंत प्रकाश नारायण ने मार्गदर्शन किया।
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