एकीकृत यूजी-पीजी पाठ्यक्रम की उन्नति के लिए दिये सुझाव
सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति का अतिथि व्याख्यान फोटो- सीयूएसबी में व्याख्यान देते पूर्व वीसी प्रो. अविनाश खरे। टिकारी, निज संवाददाता
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के भौतिकी विभाग की ओर से “सामान्य सापेक्षता का निर्माण: आइंस्टीन और हिल्बर्ट” विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व परमाणु और प्लाज्मा भौतिकी के प्रसिद्ध विशेषज्ञ प्रो. अविनाश खरे ने भौतिकी की उन्नति और इसमें विभिन्न प्रसिद्ध भौतिकविदों की भूमिका पर अपना व्याख्यान दिया। प्रो. अविनाश खरे ने शोधार्थियों और संकायों को प्रेरित करने के लिए विषय के विख्यात वैज्ञानिकों क्रमशः आइंस्टीन और हिल्बर्ट की जीवनशैली को भी साझा किया। प्रो. खरे ने कहा कि कई व्यक्तिगत मुद्दों के बावजूद, इन वैज्ञानिकों ने विज्ञान और समाज में योगदान दिया।
इस व्याख्यान ने श्रोताओं को शोध और शिक्षाविदों में आने वाली समस्याओं के बारे में एक नया दृष्टिकोण और गहरी समझ प्रदान की। सत्र की शुरुआत भौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. वेंकटेश सिंह ने अपनी बातें रखीं। व्याख्यान के बाद बातचीत सत्र हुआ। छात्रों और संकाय सदस्यों ने वक्ता से सीधे बातचीत की, विचारोत्तेजक प्रश्न पूछे और वक्ता के साथ वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर चर्चा की। पहले सत्र के अंत में प्रो. बुद्धेंद्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। दूसरे सत्र में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुसार भारतीय ज्ञान प्रणाली से संबंधित पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन और संशोधन के लिए एक मंथन सत्र आयोजित किया गया। सत्र की शुरुआत प्रो. खरे के भारतीय ज्ञान प्रणाली और एनईपी-2020 के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता के बारे में प्रस्तुति के साथ हुई। भौतिक और रासायनिक विज्ञान स्कूल के संकाय सदस्यों की उपस्थिति में एआई, मशीन लर्निंग, बायोफिजिक्स, मेडिकल फिजिक्स आदि जैसे नए पेपर जोड़कर एकीकृत यूजी-पीजी पाठ्यक्रम की उन्नति और संवर्धन के लिए कई सुझाव दिए गए। व्याख्यान में एमएससी के छात्रों, शोधार्थियों और विभिन्न विभागों के शिक्षकों ने भाग लिया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।