बर्खास्तगी के बाद दिनेश मुर्मू मानसिक रूप से रहता था परेशान
लखनऊ में सीबीआई कार्यालय के गेट पर एक दरोगा पर तीर से जानलेवा हमला किया गया। हमलावर दिनेश मुर्मू का परिवार परेशान है, जो रेलवे से बर्खास्त होने के बाद कष्टदायक जीवन जी रहा है। परिवार का भरण पोषण...

हवेली खड़गपुर, एक संवाददाता। शुक्रवार को लखनऊ के हजरतगंज स्थित सीबीआई कार्यालय के गेट पर खड़ा दरोगा पर तीर से जानलेवा हमला करने वाला हवेली खड़गपुर प्रखंड के शामपुर थाना क्षेत्र की गोबड्डा पंचायत के हरकुंडा गांव का निवासी है। वर्ष 2005 में रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त रेलकर्मी दिनेश मुर्मू के परिवार के सदस्य काफी मायूस हैं। मूल रूप से दिनेश मुर्मू हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के रमनकाबाद पश्चिम पंचायत के रारोडीह का रहने वाला है। शादी के बाद वह अपनी ससुराल हरकुंडा में ही बस गया था। पत्नी रिपिया देवी समेत तीन पुत्र जिनमें 35 वर्षीय प्रदीप मुर्मू, 26 वर्षीय दिव्यांग पुत्र शिवेंदु उर्फ लालू और 15 वर्षीय सूरज मुर्मू और दो पुत्री शारदा और कविता है।
जिनमें शारदा की केवल शादी हो गई है। रेलवे से बर्खास्तगी के बाद फटेहाल जीवन जी रहा परिवार: पत्नी रिपिया देवी और दिव्यांग पुत्र शिवेंदु ने बताया कि रेलवे से बर्खास्तगी के बाद दिनेश मुर्मू काफी परेशान रहता था। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते लगाते वह थक गया था। मामले में दो बार जौनपुर और दिल्ली का तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा। परिजनों ने बताया कि दिनेश मुर्मू मुकदमा को लेकर पूरी तरह बर्बाद हो गया, स्थिति ऐसी है कि परिवार का भरण पोषण मुश्किल से हो पा रहा है। पत्नी और पुत्र ने बताया कि नौकरी जाने और बार बार मुकदमा के लिए कोर्ट आने जाने से वह परेशान रहते थे। शुक्रवार की घटना को लेकर परिजनों ने बताया कि इन्हीं सारी वजहों से मानसिक रूप से परेशान होकर ऐसी घटना को अंजाम दिया होगा। ग्रामीणों ने बताया कि दिनेश मुर्मू की रेलवे से बर्खास्तगी के बाद परिवार फटेहाल जीवन जी रहा है। गांव में दिनेश मुर्मू का ही एक ऐसा परिवार है जिसके बच्चे बेरोजगार है और अबतक शादी नहीं हुई थी। एक मात्र बेटी शारदा की ही शादी हुई है जबकि कविता की शादी नहीं हुई है। हालांकि परिवार को लखनऊ की घटना की अधिक जानकारी नहीं है।
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