Bribes for bail: Delhi ACB flagged Rouse Avenue Court judge involvement, High Court transfers him दिल्ली में जमानत के बदले जज पर रिश्वत मांगने का आरोप, हाईकोर्ट ने कर दिया ट्रांसफर, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर NewsBribes for bail: Delhi ACB flagged Rouse Avenue Court judge involvement, High Court transfers him

दिल्ली में जमानत के बदले जज पर रिश्वत मांगने का आरोप, हाईकोर्ट ने कर दिया ट्रांसफर

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के एक स्पेशल जज और कोर्ट अहलमद पर एक मुकदमे के आरोपियों को जमानत देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। एसीबी ने इस मामले में कोर्ट अहलमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं जज को किसी दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 24 May 2025 06:22 AM
share Share
Follow Us on
दिल्ली में जमानत के बदले जज पर रिश्वत मांगने का आरोप, हाईकोर्ट ने कर दिया ट्रांसफर

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के एक स्पेशल जज और कोर्ट अहलमद पर एक मुकदमे के आरोपियों को जमानत देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस मामले के बाद एसीबी ने इस मामले में कोर्ट अहलमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं जज को किसी दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है।

दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने इस साल 29 जनवरी को विधि, न्याय और विधायी मामलों के विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर जज और अहलमद के खिलाफ जांच शुरू करने की अनुमति मांगी थी।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट को भेजे गए इस अनुरोध को उसने 14 फरवरी को यह कहकर खारिज कर दिया कि एसीबी के पास स्पेशल जज के खिलाफ ''पर्याप्त सामग्री'' नहीं है। हालांकि, हाईकोर्ट ने एसीबी से अपनी जांच जारी रखने और जज की संलिप्तता दिखाने वाली कोई सामग्री मिलने पर फिर से हाईकोर्ट आने को कहा था।

जज का दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर

इसके बाद एसीबी ने इस मामले में 16 मई को कोर्ट अहलमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 20 मई को, स्पेशल जज को राउज एवेन्यू कोर्ट से दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। वहीं जज ने भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

एसीबी द्वारा 29 जनवरी को विधि विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को चिट्ठी के मुताबिक, एसीबी ने अप्रैल 2023 में एक जीएसटी अधिकारी के खिलाफ फर्जी फर्मों को 2021 में जीएसटी रिफंड मंजूर करने के आरोप में दर्ज मामले का जिक्र किया है। जीएसटी अधिकारी, 3 वकील, 1 चार्टर्ड अकाउंटेंट और 2 ट्रांसपोर्टर समेत 16 लोगों को एसीबी ने गिरफ्तार किया और स्पेशल जज की कोर्ट में पेश किया, जिन्होंने सभी आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। एसीबी ने बताया कि जब आरोपियों ने जमानत याचिकाएं दाखिल कीं तो उनकी अधिकांश याचिकाओं पर सुनवाई की गई और उन्हें टाल दिया गया और अलग-अलग तारीखों के लिए सुरक्षित रखा गया।

एसीबी को इस मामले में पहली शिकायत 30 दिसंबर, 2024 को जीएसटी अधिकारी के एक रिश्तेदार से ईमेल के माध्यम से मिली थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कोर्ट के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया था, उनकी जमानत के लिए 85 लाख रुपये और बाकी सभी आरोपियों के लिए 1-1 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

एसीबी ने लिखा, ''रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि इनकार करने पर बेल एप्लिकेशन को गलत तरीके से एक महीने से ज्यादा समय तक टाला गया और बाद में खारिज कर दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली। इसके बाद एक आरोपी ने उनसे संपर्क कर कथित तौर पर धमकी दी कि संबंधित जज उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अपनी शक्तियों के भीतर सब कुछ करेंगे। उसने उनसे कहा कि वह हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ले, 1 करोड़ रुपये दें तो उन्हें जमानत दे दी जाएगी।"

सूत्रों ने बताया कि एक अन्य शिकायत 20 जनवरी को एक व्यक्ति से प्राप्त हुई थी, जिसने आरोप लगाया था कि जनवरी के पहले हफ्ते में कोर्ट के एक अधिकारी ने उससे संपर्क किया था और कहा था कि एक मामले में आरोपी तीन लोगों को जमानत मिल सकती है, यदि वो प्रति व्यक्ति 15-20 लाख रुपये की रिश्वत देने के लिए तैयार हों।

कोर्ट अहलमद के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज

एसीबी ने 16 मई को कोर्ट अहलमद के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले एक एफआईआर दर्ज की और इसमें रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के जवाब का भी उल्लेख किया। इसके बाद अहलमद ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत दायर की।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अहलमद के वकीलों ने तर्क दिया कि एसीबी ने अहलमद के खिलाफ एक 'झूठी और मनगढ़ंत एफआईआर' दर्ज की थी और स्पेशल जज को 'फंसाने की कोशिश' की थी ताकि उनसे 'अपना हिसाब बराबर किया जा सके'।

चीफ पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने इस आधार पर जमानत का विरोध किया कि अहलमद मुख्य आरोपी है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कथित तौर पर उनके द्वारा शिकायतकर्ता को हाथ से लिखी एक पर्ची दी गई थी, जो कथित अपराध में उसकी संलिप्तता को दर्शाती है।