State-Level Workshop on Droplet Digital PCR Applications at South Bihar Central University उपकरण के माध्यम से किए जा सकने वाले नए शोध अवसरों पर चर्चा, Gaya Hindi News - Hindustan
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उपकरण के माध्यम से किए जा सकने वाले नए शोध अवसरों पर चर्चा

डीएसटी-पर्स परियोजना के तहत, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में 'ड्रॉपलेट आधारित डिजिटल पीसीआर' पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें 100 प्रतिभागियों ने डीडीपीसीआर तकनीक, उसके लाभ, अनुप्रयोग और डेटा...

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाTue, 8 April 2025 05:45 PM
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उपकरण के माध्यम से किए जा सकने वाले नए शोध अवसरों पर चर्चा

डीएसटी-पर्स परियोजना के तहत, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के लाइफ साइंस विभाग की ओर से ''ड्रॉपलेट आधारित डिजिटल पीसीआर (डीडीपीसीआर) और इसके अनुप्रयोगों'' पर एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें प्रतिभागियों को डीडीपीसीआर तकनीक, इसके कार्य सिद्धांत, लाभ, अनुप्रयोग, उपकरण का अवलोकन, कार्यात्मक प्रदर्शन और जांच के साथ उपकरण चलाने, डाई-आधारित रसायन विज्ञान और इसके डेटा विश्लेषण से परिचित कराया गया। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह एनईपी 2020 के जनादेश को पूरा करने के लिए ऐसी कार्यशालाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और सीयूएसबी की टीम-पर्स को आने वाले महीनों में ऐसी कई और कौशल-उन्मुख कार्यशालाओं का आयोजन करने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यशाला में सीयूएसबी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा और मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के स्नातक से लेकर पीएचडी तक के लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

नए शोध अवसरों की दी जानकारी

डीएसटी-पर्स परियोजना के समन्वयक प्रो. वेंकटेश सिंह ने बताया कि उन्नत उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जैविक अनुसंधान का एक अभिन्न अंग बन गया है। तकनीकी सत्र में राजेश साहा और डॉ. प्रशांत (फील्ड एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट, बायो-रेड लेबोरेटरी, भारत) और उनकी टीम ने पीसीआर, आरटी-पीसीआर, तीसरी पीढ़ी के डीडीपीसीआर, इसके इंस्ट्रूमेंटेशन, वर्किंग आउटफ्लो के संक्षिप्त परिचय, अन्य मौजूदा पीसीआर मशीनों पर डीडीपीसीआर के लाभों और विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की गई। डीएसटी-पर्स परियोजना के उप समन्वयक और सीयूएसबी के लाइफ साइंस विभाग के अध्यक्ष प्रो. राम प्रताप सिंह ने अपनी बातें रखीं। सीयूएसबी के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. दुर्ग विजय सिंह ने उपकरण के माध्यम से किए जा सकने वाले नए शोध अवसरों और विकास के बारे में बताया। कार्यशाला में प्रो. आशीष शंकर, प्रो. विवेक दवे, प्रो. प्रफुल्ल कुमार सिंह, प्रो. प्रभात कुमार सिंह, डॉ. संजय कुमार, डॉ. नवीन कुमार सिंह और डॉ. अमृता श्रीवास्तव ने भाग लिया और विशेषज्ञ टीम के साथ डीडीपीसीआर अनुप्रयोगों और इसके डेटा विश्लेषण पर गहन चर्चा की।

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