शेरघाटी के चिकित्सा कैम्प में लाचारों को मिला यूडीआइडी कार्ड
शेरघाटी के चिकित्सा कैम्प में लाचारों को मिला यूडीआइडी कार्ड डीएम के आदेश पर सभी प्रखंडों में लग रहे कैम्प चिकित्सकों की चार सदस्यीय टीम ने की स्वास्थ

दिव्यांगजनों को मेडिकल जांच के बाद विशिष्ट पहचान पत्र अर्थात यूडीआइडी कार्ड मुहैया कराने के लिए शुक्रवार को शेरघाटी में कैंप लगाया गया। स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में लगे कैम्प में दूर दराज से आए दिव्यांगजनों को मेडिकल जांच के बाद कार्ड उपलब्ध कराया गया। औरंगाबाद जिले के पिरमा से अपने दस वर्ष के दिव्यांग बच्चे पवन को लेकर आई महिला को बैरंग वापस लौटना पड़ा। चिकित्सकों ने क्षेत्राधिकार नहीं रहने के कारण उसे लौटा दिया। दिव्यांगजनों की स्वास्थ जांच के लिए गया से चार सदस्यीय चिकित्सकों की टीम शेरघाटी आई थी।
चिकित्सा टीम की अगुवाई कर रहे गया के जेपीएन अस्पताल के वरीय चिकित्सक डा.संजय कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा 32 की संख्या में चलने-फिरने में लाचार दिव्यांगजनों को कार्ड उपलब्ध कराया गया। बहरापन के शिकार दो और दिमागी तौर पर लाचार तीन लोगों को कार्ड मुहैया कराया गया। दृष्टिदोष के छह दिव्यांगों को भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के रूप में यूडीआइडी कार्ड मुहैया कराया गया। शेरघाटी के डाकबंगला रोड से आई 26 साल की कांति कुमारी ने बताया कि चलने-फिरने में लाचार रहने के बावजूद आजतक उसका प्रमाण पत्र नहीं बना था।
गया में हैं 32 हजार दिव्यांगजन
बता दें कि गया जिले में यूडीआइडी पोर्टल पर प्राप्त 31 हजार 720 आवेदन में से अबतक सिर्फ 22 हजार 495 दिव्यांगजनों को ही यूडीआइडी कार्ड मिल सका है। आवेदनों की तुलना में निर्गत कार्ड की संख्या कम होने के कारण गया के जिलाधिकारी डा.त्यागराजन एसएम ने जिले के सभी प्रखंडों में कैम्प लगाने का निर्देश दिए जाने के साथ तारीखें भी तय कर दी हैं। चिकित्सा टीम में डा.मनीष कुमार, डा.प्रेमप्रकाश और डा.अमर भी शामिल थे।
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