पानी के बगैर चिलिम पंचायत की दलित बस्तियों में मचा है हाहाकार
पानी के बगैर चिलिम पंचायत की दलित बस्तियों में मचा है हाहाकारसिंचाई बोरिंग और ईंट-भट्ठे से पानी लाकर प्यास बुझा रहे दलित स्थानीय स्तर पर जिम्मेवार बने

झुलसाने वाली गर्मी के दौरान शेरघाटी प्रखंड की चिलिम पंचायत की कम से कम तीन दलित बस्तियों में नल जल योजना के बेकार पड़े होने के कारण पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बुढ़िया नदी के तट पर बसे पंचायत के महमदपुर गांव के वार्ड नम्बर 15 में सालों से नल-जल योजना बेकार पड़ी हुई है। स्थानीय निवासी रवि मांझी और इंद्रदेव मांझी बताते हैं कि योजना की टंकी वर्षों पहले टूट गई थी, तब से आजतक पानी दोबारा चालू नहीं हो सका है। आसपास के चापाकल भी सूख गए हैं। लोग पीने और नहाने-धोने के लिए सिंचाई मोटर से पानी ला रहे हैं।
इसी गांव के वार्ड नंबर 16 में स्टार्टर जल जाने के कारण दस दिनों से नल जल योजना का पानी बंद है। महिला पिंकी देवी बताती है कि घर में पानी नहीं आने के कारण वह ईंट भट्ठे पर नहाने जाती हैं। शोभा देवी और चमारी मांझी कहते हैं कि लोगों को प्यास बुझाने के लिए दूर से ढोकर पानी लाना पड़ रहा है। स्थानीय वार्ड सदस्य अशोक मांझी कहते हैं कि नया स्टार्टर खरीदने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही इस योजना को चालू कर दिया जाएगा। इसी तरह वार्ड नंबर 14 में भी नल जल योजना देखरेख के अभाव में वर्षों से बेकार पड़ी है। उपरोक्त योजनाओं के कार्यान्वयन में करीब 27 लाख रुपये खर्च हुए थे, मगर ग्रामीणों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
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