Unique Farmer ID Scheme Launched in Vaishali Bihar for Agricultural Benefits किसानों की बनेगी यूनिक आईडी, 121 राजस्व ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू, Hajipur Hindi News - Hindustan
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किसानों की बनेगी यूनिक आईडी, 121 राजस्व ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

हाजीपुर में किसानों के लिए एक नई कृषि आईडी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों की पहचान और कृषि योजनाओं का लाभ उठाने के लिए यह आईडी अनिवार्य होगी। वैशाली जिले के 121 राजस्व ग्रामों में पायलट...

Newswrap हिन्दुस्तान, हाजीपुरSat, 24 May 2025 09:25 AM
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किसानों की बनेगी यूनिक आईडी, 121 राजस्व ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

हाजीपुर। निज संवाददाता जिले के किसानों के पास आधार कार्ड जैसी एक कृषि आईडी होगी। इसके जरिए उसकी पहचान कृषक के रूप में होगी। वहीं कृषि योजनाओं के लाभ के लिए हर किसान के पास यह होना आवश्यक होगा। इस आईडी से फसल व पशुधन की जानकारी भी मिलेगी। देशस्तर पर शुरू होने वाली इस योजना का बिहार के वैशाली जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत की गई है। जिले के 10 प्रखंडों के 121 राजस्व ग्राम में यूनिक आईडी बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत भू-स्वामियों के कागजातों की जांच शुरू हो गई है।

ऑन लाइन मोबाइल एप के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री का कार्य कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयास से चल रहा है। चयनित कुल 121 राजस्व ग्रामों में अब तक 5672 किसानों की ई-केवाइसी की गई है। इसमें से 2264 जमाबंदी धारक किसानों का फार्मर आईडी जेनरेट (किसान का पंजीकरण सृजित) किया जा चुका है। चयनित राजस्व ग्रामों में किसानों की जमीन की कागजातों की जांच पूरी होने के बाद आई बनाने संबंधी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह कार्य अभियान के तौर पर आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। प्रथम चरण में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट प्रथम चरण में 10 प्रंखडों के गांव में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, पटेढ़ी बेलसर, बिदुपुर, राघोपुर, जन्दाहा, महुआ, देसरी एवं महनार प्रखंड के 121 राजस्व ग्राम में किसानों की यूनिक आईडी बनाने की प्रक्रिया काफी तेजी से प्रारंभ है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान आईडी होना अनिवार्य होगा। इस आईडी के बन जाने से किसानों का पूरा ब्यौरा एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगा। इसके बनने से आईडी से किसान के पास कितनी जमीन है, उस जमीन में कितनी फसल आच्छादन किया गया है, कितने पशुधन हैं आदि जानकारी उपलब्ध होगी। किसान का किया जाएगा वर्गीकरण वास्तविक किसानों का निबंधन करने का एक और उद्देश्य किसानों का वर्गीकरण करना भी है। जमीन के आधार पर लघु, सीमांत और बड़े किसान का वर्गीकरण किया जाएगा। किसान आईडी बनाने के लिए जरूरी कागजात किसानों की यूनिक आईडी बनाने के लिए अपना आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, जमीन की जमाबंदी की अद्यतन रसीद जांच के समय उपलब्ध रखना होगा। विभाग किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले जमीन का खाता, खेसरा, मोबाइल नंबर तथा आधार नंबर को मिलाकर संपूर्ण डाटाबेस तैयार करेगा। आईडी बनने के बाद एक क्लिक पर मोबाइल स्क्रीन पर पूरा ब्योरा आ जाएगा। दरअसल, वास्तविक किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अब केन्द्र सरकार भी किसानों का अलग से निबंधन शुरू कर रही है। इसके लिए कृषि एवं राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से जिम्मेवारी मिली है। इसमें कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग एक साथ आपस में समन्वय बनाकर काम करेगा।

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