ASHA Workers Protest Against Government s Ignored Demands in Six-Day Strike आशा कर्मियों की मांग अनसुनी कर रही सरकार, Jahanabad Hindi News - Hindustan
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आशा कर्मियों की मांग अनसुनी कर रही सरकार

आशा कर्मियों की मांग अनसुनी कर रही सरकार, 2023 में संघ के साथ हुए समझौता को लागू करने सहित 17 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल शुरू

Newswrap हिन्दुस्तान, जहानाबादTue, 20 May 2025 10:42 PM
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आशा कर्मियों की मांग अनसुनी कर रही सरकार

आशा कर्मियों की मांग अनसुनी कर रही सरकार छह दिवसीय हड़ताल पर गई आशा कर्मियों ने शहर में प्रतिरोध मार्च निकाला 2023 में संघ के साथ हुए समझौता को लागू करने सहित 17 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल शुरू जहानाबाद, नगर संवाददाता। 17 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से छह दिवसीय हड़ताल पर गई आशा कर्मियों ने शहर में प्रतिरोध मार्च निकाला और सभा की। सभा में संघ के नेताओं ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवा को सुधार करने में आशा कर्मी जुटी रहती है। इसके बावजूद सरकार उनकी उचित मांग भी नहीं मान रही। वर्ष 2023 में 33 दिनों की हड़ताल के बाद बिहार सरकार और आशा कर्मियों के बीच हुए समझौते को 2 वर्ष बीत जाने के बावजूद मांग को लागू नहीं किया गया।

प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व संघ की जिला सचिव सुनीता भारती तथा जिलाध्यक्ष सुषमा कुमारी कर रही थीं। सैकड़ो की संख्या में आशा कर्मी सरकार के विरोध एवं 2023 में हुए संघ के साथ समझौता को लागू करने सहित सत्रह सूत्री मांग की पूर्ति हेतु नारा लगा रहे थे। कारगिल चौक पर सभा को संबोधित करते हुए सुनीता भारती ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में 32 दिवसीय हड़ताल के क्रम में आशा कार्यकर्ता फैसिलिटेटर के मासिक मानदेय राशि को 1000 से बढ़ाकर 2500 करने का फैसला लिया था, जिसे करीब 2 साल बीतने पर भी लागू नहीं किया गया है। इससे आशा कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है तथा सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का फैसला लिया। आगे उन्होंने कहा की 17 सूत्री मांगों की पूर्ती हेतु 20 मई से 25 मई तक हड़ताल का निर्णय लिया गया है। आगे उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में कहा कि 2023 में हुए समझौते के अनुरूप आशा और आशा फैसिलिटेटर के मानसिक मानदेय को 10000 करने संबंधी आदेश निर्गत किया जाए। पिछले 6 माह से लंबित मानदेय का भुगतान किया जाए और इसके लिए दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। पिछला सारा बकाया का भुगतान करते हुए पोर्टल व्यवस्था में सुधार किया जाए। रिटायरमेंट की उम्र की सीमा 65 वर्ष की जाए। सेवानिवृत्ति के समय 10 लाख का रिटायरमेंट पैकेज दिया जाए तथा अनिवार्य मासिक पेंशन की सुविधा दी जाए। आशाओं को विभिन्न तरह के कामों के लिए जो प्रोत्साहन राशि मिलती है उसका पुनरीक्षण किया जाए। विदित हो कि पिछले 10 वर्षों में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ी आशाओं को देय राशि का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जाए और इसमें आशा फैसिलिटेटर को भी जोड़ा जाए। जिलाध्यक्ष सुषमा कुमारी ने कहा कि प्रतिरोध की हर आवाज को कुचल देने की हर संभव कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार स्कीम वर्कर यानी आशा, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, रसोईया, अनुबंध मानदेय पर कार्यरत कर्मियों के साथ शोषण दोहन कर रही है। सभा को वीणा कुमारी, रेशमा कुमारी, चंचल कुमारी, मीना देवी, पिंकी कुमारी, श्याम सुंदरी देवी, नीलम कुमारी, गीता कुमारी, अनु देवी आदि ने संबोधित किया। फोटो- 20 मई जेहाना- 08 कैप्शन- शहर स्थित डीएम ऑफिस के समीप मंगलवार को प्रदर्शन करते आशा कार्यकर्ता।

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