उर्दू पोस्ट खाली, बहाली नहीं होने पर जताई चिंता
कलेर निज संवाददाता। उन्होंने कहा कि उर्दू भारत की दूसरी राजभाषा है, फिर भी सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है। यह चिंता का विषय है।

कलेर निज संवाददाता। पब्लिक लाइब्रेरी कलेर में उर्दू काउंसिल हिंद की जिला स्तरीय बैठक हुई। अध्यक्षता सैयद मोहम्मद मोतिनुद्दीन ने की। उन्होंने कहा कि उर्दू भारत की दूसरी राजभाषा है, फिर भी सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है। यह चिंता का विषय है। बैठक में मौजूद प्रतिभागियों ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। कहा कि कोर्ट ने उर्दू को भारतीय भाषा के रूप में मान्यता दी है। इसके बावजूद अरवल जिले के कई स्कूलों और कॉलेजों में उर्दू के पद खाली हैं। इन पर अब तक बहाली नहीं हुई है। प्रतिभागियों ने कहा कि एक तरफ जिला स्तर पर उर्दू को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार होते हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षण संस्थानों में उर्दू के खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है। इससे उर्दू शिक्षा बाधित हो रही है। सैयद मोतिनुद्दीन ने कहा कि उर्दू की खाली पोस्ट को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। नई बहाली के लिए अनुरोध किया जाएगा। बैठक में प्रोफेसर मंजर हुसैन, खतीब आलम, मोहसिन अली कादरी, हकीम शाहिद ताबिश अरावली, तनवीर अनवर, एहसान आलम, सबीर खान और नूर इकबाल मौजूद रहे। बैठक का समापन मोहसिन कादरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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