Severe Damage to Mango and Lychee Crops Due to Storms in Jamui आंधी तूफान से हुई आम और लीची फसल की भारी नुकसान, Jamui Hindi News - Hindustan
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आंधी तूफान से हुई आम और लीची फसल की भारी नुकसान

जमुई में पिछले 15 दिनों में कई बार आए आंधी तूफान से गेहूं, आम और लीची की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान बारिश के कारण नुकसान का सामना कर रहे हैं, जबकि मूंग की खेती करने वालों को लाभ हुआ है। किसानों...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSat, 3 May 2025 06:12 AM
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आंधी तूफान से हुई आम और लीची फसल की भारी नुकसान

आंधी तूफान से हुई आम और लीची फसल की भारी नुकसान आंधी तूफान से हुई आम और लीची फसल की भारी नुकसान जमुई, हिंदुस्तान संवाददाता 15 दिनों में तीन चार वार जिले में आंधी तूफान के साथ बारिश आने से गेहूं, आम व लीची फसल की काफी बर्बादी हुई है। मौसम ठंडा होने के कारण भले ही आम लोगों को राहत मिली है । आंधी के कारण जिले के किसानों को काफी क्षति हुई है। जिले के किसानों को गेहूं, आम व लीची का एक ओर नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर मूंग की खेती करने वाले किसान को काफी फायदा हुआ है।

आंधी और तूफान अधिक होने के कारण आम के पेड़ से आधी फल गिर गया। कमोवेश लीची का भी यही हाल हुआ है। इस आंधी में आम और लीची वाले किसान को काफी नुकसान हुआ है। करीब 15 दिनों में कई वार आंधी और बारिश हुई है। इधर गेहूं की कटनी भी सही ढं़ग से जिले में नहीं हो पाया है। जिसके कारण कटा हुआ गेहूं पर पानी पड़ जाने से किसानों को मंदर में भी काफी नुकसान हो रहा है। बारिश में भीगा हुआ गेहूं को लेने में साहूकार भी आनाकानी करते हैं और सही पैसा नहीं मिल पा रहा है। बारिश होने से किसान को काफी घाटा लगा है जिससे काफी मर्माहत है। वहीं आंधी के साथ हुई बारिश से जहां लोगों को राहत मिली है। वही मूंग की खेती करने वाले किसान को इस बारिश से लाभ हुआ है। ब्रजपात की चपेट में आने एक व्यक्ति घायल फोटो - 30 परिचय - सदर अस्पताल में इलाजरत घायल की तस्वीर जमुई, निज संवाददाता खैरा थाना के चाचो गाँव में गुरुवार को ब्रजपात की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया। परीजनों ने आनन-फानन में घायल को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया, जहां घायल का इलाज किया जा रहा है। फिलहाल घायल की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। घायल व्यक्ति की पहचान चाचो गाँव निवासी सीताबाई मांझी के पुत्र कटीमन मांझी के रूप में हुई है। घायल ने बताया कि वह गांव के ही दिलीप सिंह के खेत मे गेंहू की कटाई कर रहे थे। गुरुवार की दोपहर को अचानक बारिश के साथ तेज गर्जन के साथ बिजली चमकी और तेज आवाज के साथ ब्रजपात हो गया, इस ब्रजपात के वह चपेट में आ गया जिससे वह घायल हो गया है। फिलहाल घायल का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से किसान अतिवृष्टि और अनावृष्टि का होते शिकार लक्ष्मीपुर, निज संवाददाता लक्ष्मीपुर प्रखंड में सिंचाई की अपार संभावनाएं हैं।बावजूद इसके सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से किसान अतिवृष्टि और अनावृष्टि का शिकार हो रहे हैं। लक्ष्मीपुर प्रखंड में तेरह पंचायत हैं।जो मूल रूप से कृषि कार्य पर आधारित है। उसके लिए रोजगार के कोई दूसरा साधन भी नहीं है। किसान कृषि कार्य भी मानसून आधारित वर्षा पर करते हैं। प्रखंड के वन क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में कई बड़े बड़े जलाशय हैं। जो जीर्णोद्धार का राह देख रहा है। जलाशयों के जीर्ण शीर्ण होने के कारण उसमें पानी का ठहराव समाप्त हो गया है। वैसे जलाशयों का जीर्णोद्धार कर उसमें पानी निकलने की व्यवस्था करने से बरसात के दिनों में बेकार बहने वाले पानी का ठहराव होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिसका उपयोग अनावृष्टि के समय किया जा सकता है। वैसे जलाशयों में अधिकांश वन विभाग में पड़ता है। वहीं स्थिति क्षेत्र के वियर का है। जो जीर्ण शीर्ण हो चुके हैं। जिससे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। वैसे वियर और कुछ जलाशय सिंचाई विभाग के तहत आते हैं। विभाग इन जलाशयों की उपेक्षा किए हैं। विभाग वैसे जलाशयों की खुदाई कर लाखों रुपए खर्च करते हैं। जहां पानी आने का कोई साधन नहीं है। वैसे जलाशयों में सिर्फ वर्षा का पानी ही जमा होता है। सिंचाई जैसे समस्या को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी उदासीन बैठे हैं। जिसे शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता है। सरकार द्वारा प्रतिबन्ध के बाबजूद पराली जलाने से बाज नही आ रहे किसान फोटो - 27 परिचय - पराली जलते किसान अलीगंज, निज संवाददाता सरकार द्वारा तमाम बंदिशें के बाबजूद भी अलीगंज के कई गांवों के किसान गेंहू के बचे अवशिष्ट को जलाने से वाज नही आ रहा है,जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर के साथ-साथ खेतो की उर्वरा शक्ति पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अलीगंज के अधिकांश गांवो में इस साल गेहूं की अच्छी पैदावार नही हुई है, कई गांव में गेंहू की कटनी के लिए मजदूर नही मिल रहा है मूंग की बुआई का समय बीतता जा रहा है,समय पर बुआई हो अधिकांश गांव के लघु सीमान्त या बड़े किसान सभी अपनी फसल हार्वेस्टर से ही कटाते है, खेत मे बड़े पैमाने पर गेंहू का अवशिष्ट जमा हो जाती है। अधिकांश किसान गेंहू के अवशिष्ट को खेत मे ही जला देता है,किसान को कटनी के बाद खेत मे मूंग फसल की बुआई करना होता है, इसलिए किसान खेत को खाली करने के लिए पराली खेत मे ही जला दे रहे है। जिससे पर्यावरण के साथ उपज भी प्रभावित होती है खेत मे जितने कृमि पाए जाते है, जो खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए फायदेमंद है नष्ट हो जाते है,जिससे दिन व दिन उपज प्रभावित होती है। कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने बताया कि खेत मे आग लगाने से खेत की जो उर्वरा शक्ति है वह खत्म हो जाती है इसलिए कोई भी किसान खेत मे आग नही लगाए। किसान श्री धर्मेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि जो पराली जलाते हुए किसान पकड़े जाएंगे उनको कृषि से सम्बंधित योजनाओं का लाभ नही मिलेगा। इस सम्बंध में कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि जो भी किसान खेत मे आग लगाएंगे उन्हें कृषि विभाग द्वारा जारी योजनाओ का लाभ नही मिलेगा। उन्होंने सम्बंधित पंचयत के कृषि समन्वयक को निर्देश दिया है कि जो भी किसान खेत मे पराली जलाते हैं उन्हें चिन्हित कर प्रखण्ड कृषि कार्यालय को सूचित करें। उनका रजिट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। शराब पीकर हंगामा कर रहे सात युवक गिरफ्तार फोटो - 28 परिचय - गिरफ्तार शराबी युवक की तस्वीर गिद्धौर, निज संवाददाता थाना क्षेत्र के महुलीगढ़ मोड़ के समीप शराब पीकर हंगामा कर रहे सात युवकों को गिद्धौर पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जानकारी के अनुसार गिद्धौर थाना पुलिस को महुलीगढ़ मोड़ के समीप शराब पीकर हंगामा करने की सूचना मिली। सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके से सात युवक को गिरफ्तार कर थाना लायी। जहां सभी की जांच की गई तो शराब पीने की पुष्टि हुई। शराबी युवक की पहचान थाना क्षेत्र के रोहित कुमार, महेश साह, बिशुन मांझी उर्फ बितलू मांझी, सुभाष कुमार, धीरज कुमार, भोला गुप्ता उर्फ संदीप कुमार एवं मंटू कुमार के रूप में हुई है। इस बाबत थानाध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने बताया कि शराब के नशे में हंगामा करने की सूचना मिली थी। तुरंत कार्रवाई कर सभी को पकड़ा गया। शराबबंदी अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इस कार्रवाई में अवर निरीक्षक उमेश कुमार सहित पुलिस बल के जवान मौजूद थे। ग्रामीण विकास विभाग का महिला संवाद कार्यक्रम, अब बना एक अभियान झाझा, नगर संवाददाता ग्रामीण विकास विभाग का महिला संवाद कार्यक्त्रम अब एक अभियान बन गया है। श्रम दिवस के दिन हुईं बारिश ने भी महिलाओं के हौसलों को बरक़रार रखा।बारिश ने जहाँ मौसम को खुशनुमा कर दिया, वहीँ महिलाओं ने भी संवाद कार्यक्रम में शामिल होकर न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि अपने गाँव-पंचायत की समस्याओं को रखकर अपनी आवाज बुलंद की।झाझा प्रखंड के हथिया पंचायत में गांधी ग्राम संगठन के द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में अम्बा गाँव वार्ड नंबर 12 में रहने वाली महिलाओं ने आंगनबाड़ी केन्द्र से अनुदानित मूल्य पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की मांग की। कबीर, राजीव, दुर्गा, शीतल, गंगा एवं अन्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने परिक्रमी निधि आरएफ 45 हजार एवं आरंभिक पूंजीकरण निधि आईसीएफ 5 लाख रूपये करने की मांग की। कार्यक्रम में बिहार सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रियान्वित की गई योजनाओं से सम्बंधित सूचनात्मक लीफलेट एवं मुख्यमंत्री बिहार के नाम से जारी सन्देश पत्र महिलाओं में बांटा गया। दो घंटों के कार्यक्रम में महिलाओं को संवाद का उद्देश्य बताते हुए उन्हें विडियो दिखा कर योजनाओं की जानकारी दी गई। सफलता की कहनियाँ और आकांक्षाएं-समस्याओं की बातें और योजनाओं की जानकारी से परिपूर्ण महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा शुरू किया गया महिला संवाद कार्यक्रम है। यह अब कार्यक्रम न होकर एक अभियान का रूप ले चुका है, जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं। महिलाओं के द्वारा आ रही आकांक्षाएं-मंतव्यों को संकलित कर उसे मोबाइल एप्प में दर्ज किया जा रहा है, जिसका दस्तावेजीकरण कर सम्बंधित विभाग के पास निवारण हेतु भेजा जायेगा। जिले में अभी तक कुल 319 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन हो चुका है, जिसमें अभी तक लगभग 60 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुईं और उनमें योजनाओं को लेकर समझ भी बनी है। इसके परिणाम स्वरुप आए दिन महिलाओं के द्वारा विभिन्न आकांक्षाएं निकल कर सामने आ रही ही,वहीं संवाद में सफलता की कहानियां भी दूसरों के लिए प्रेरणा का काम कर रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान करना और उनके गांवों या टोलों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करना है। जीविका के सभी जिला स्तरीय प्रबंधक, प्रखंड कर्मी, जिला प्रशासन के आदेशानुसार बीडीओ द्वारा नामित कर्मी एवं आयोजन दल के सदस्य कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।

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