अवैध हथियार रखने के जुर्म में एक आरोपी को सश्रम 3 वर्ष की कैद
अवैध हथियार रखने के जुर्म में एक आरोपी को सश्रम 3 वर्ष की कैद अवैध हथियार रखने के जुर्म में एक आरोपी को सश्रम 3 वर्ष की कैदअवैध हथियार रखने के जुर्म म

कटिहार, विधि संवाददाता। जिला अदालत के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह ने मंगलवार को सत्रवाद संख्या-472/23 की विचारण के पश्चात अपराध की मंशा से बगैर अनुज्ञप्ति के हथियार रखने के जुर्म में मामले के तीन आरोपियों में से एक मोहम्मद सोहराब जो ग्राम सहरिया, बरारी निवासी है को सिद्धदोष अभियोग में सश्रम तीन वर्ष की कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी है। अदालत ने आरोपी द्वारा अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त छह माह की कैद भी मुकर्रर किया है। आरोपी को सशत्र अधिनियम की दो धाराओं की अपराध में दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है जो एक साथ चलेगी।
इसी मामले में सह आरोपी मो.निजाम एवं राहुल अहिम को अदालत ने रिहा कर दिया। घटना को लेकर बतौर सुचिका सुल्ताना प्रवीण जो आरोपी के ही गांव की निवासी है ने शिकायत आवेदन देकर बरारी (सेमापुर) थाना कांड सं०- 137/23 दर्ज करा आरोप लगाई थी कि 29 अप्रैल 2023 को दिन के 12 बजे वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ घर में थी तभी आरोपी मोहम्मद सोहराब एवं उसके दो सहयोगी उसके घर पर आए और उसके पति मोहम्मद रहीम को हिसाब करने के बहाने बुलाकर अपने साथ ले गए, तत्पश्चात दिन के 2:00 बजे सूचिका को सूचना मिली कि उसके पति की कुंडा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई। सूचिका ने अपने शिकायत आवेदन में आरोप लगे कि आरोपी मोहम्मद सोहराब के साथ पांच बीघा मकई की खेती किया था तथा मकई की बिक्री के पैसे को लेकर आरोपी के साथ उसके पति की विवाद थी और आरोपी ने साजिश कर उसकी हत्या कर दिया। मामले की पुलिस अनुसंधान के क्रम में हत्या एवं शस्त्र अधिनियम की धाराओं में घटना सत्य पाते हुए पुलिस ने आरोप पत्र समर्पित किया था तथा अनुसंधान के क्रम में आरोपी के पास से अवैध हथियार बरामद हुई थी। अदालत में मामले के विचारण के दौरान शस्त्र अधिनियम के अपराध में मामले की पुष्टि है। अदालत में मुकदमे की विचारण के दौरान अनुमंडल लोक अभियोजक विजय चौधरी ने ग्यारह साक्षी पेश कर मामले की पुष्टि कराई जिसका प्रतिपरीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने किया। अदालत ने साक्ष्य एवं उभय पक्षों की दलील सुनने के पश्चात आरोपी मोहम्मद सोहराब को शस्त्र अधिनियम की दो धाराओं की अपराध का दोषी पाते हुए क्रमशः तीन-तीन वर्ष की सश्रम कैद एवं अर्थदंड की सजा सुनायी जो एक साथ चलेगी।
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