पछुआ हवा की थमेगी की रफ्तार, तेज धूप और उमस से होगी परेशानी
कटिहार में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, अगले 24 घंटे में दिन और रात के तापमान में गिरावट होगी। पछुआ हवा की रफ्तार कम होने से गर्मी और उमस बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग चमकी बुखार से बचाव के लिए लोगों...

कटिहार, वरीय संवाददाता। जिले में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। अगले 24 घंटे में दिन के तापमान में एक और रात के तापमान में दो डग्रिी की गिरावट दर्ज की जाएगी, लेकिन इससे राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती। पछुआ हवा की रफ्तार कम होने के कारण जिले में गर्मी के साथ उमस का भी असर लगातार बढ़ता जा रहा है। कृषि वज्ञिान केंद्र के वैज्ञानिक पंकज कुमार ने जानकारी दी कि बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 36 डग्रिी सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डग्रिी दर्ज किया गया। पछुआ हवा 9 से 17 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली, लेकिन अब इसमें मंदी आने की संभावना जताई जा रही है। आसमान साफ और मौसम रहेगा शुष्क:इस दौरान आसमान पूरी तरह साफ और मौसम शुष्क बना रहा, जिससे दिन में तेज धूप और चुभन महसूस की गई। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह स्थिति 27 अप्रैल तक बनी रहेगी। खासकर दोपहर के समय खेतों में काम कर रहे किसानों, दिहाड़ी मजदूरों और स्कूली बच्चों को तेज धूप व उमस का सामना करना पड़ेगा। कटिहार में मौसम का यह बदला मिजाज न केवल शरीर को थकाने वाला है, बल्कि फसल, पशुपालन और दैनिक जनजीवन पर भी प्रभाव डाल सकता है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप से बचें, पानी की मात्रा बढ़ाएं और खुले स्थानों में अधिक देर तक न रहें। मौसम की इस तपिश भरी चाल ने यह संकेत दे दिया है कि गर्मी का असली रंग अभी बाकी है।
चमकी बुखार से बचाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा विभाग: कटिहार। बढ़ती गर्मी के बीच अपने बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए बच्चों में होने वाली चमकी बीमारी को धमकी दे सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि मस्तष्कि ज्वर कुप्रभाव से बच्चों को बचाने के लिए उनके परिजनों को जागरूक किया जा रहा है। बताया कि चमकी बुखार, दिमागी बुखार, एईएस की रोकथाम के लिए तीन बिंदुओं पर धमकी दी जा सकती है। बच्चों को माता और पिता को भी तीन धमकियां याद रखना चाहिए। जिसमें बच्चों को रात में सोने से पहले बच्चों को भरपेट खाना जरूर खिलाएं, रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं है। बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सुचित कर तुरंत 102 एंबुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर उसे जरूर ले जाएं। अस्पताल आने वाले सभी बच्चा वार्ड और शिशु के परिजनों को चिकत्सिकों भी जागरूक करने में जुटे हुए हैं।
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