आलमनगर: लाखों की लागत से बना नलकूप बदहाल
आलमनगर में 15 साल पहले पांच जगहों पर लगाए गए राष्ट्रीय नलकूपों से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। नलकूप खराब पड़े हैं और पटवन की सुविधा नहीं मिल रही है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण किसानों को...

आलमनगर एक संवाददाता आलमनगर प्रखंड में करीब 15 साल पहले पांच जगहों पर राष्ट्रीय नलकूप लगाया गया। लेकिन एक भी नलकूप से किसानों को पटवन की सुविधा नहीं मिल रही है और न हीं एक नलकूप को भी समुचित रूप दिया जा सका है। मामूली तौर पर नाले का निर्माण कराया गया था, लेकिन मौजूदा समय में न तो नाला कारगर है और न हीं किसी नलकूप से पटवन की सुविधा मिल रही है। इतना हीं नहीं कई जगहों पर बिजली आपूर्ति के लिए लगाए गए ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त और विद्युत आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। बावजूद विभाग के अधिकारी बेफिक्र बने हैं। शिकायत के बावजूद अभी तक अधिकारी सुचारु रूप से चालू कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। जो लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मनमानी दर्शाने के लिए कम नहीं है। जबकि किसानों के हित को देखते हुए सरकार लघु सिंचाई विभाग द्वारा राष्ट्रीय नलकूप योजना को लागू किया। जिसके पीछे बड़े पैमाने पर राशि खर्च कर विभिन्न जगहों पर नलकूप लगाए भी गए। लेकिन आधिकारियों की उदासीनता से इसका लाभ किसानों को मिलना असंभव बनकर रह गया है। मालूम हो कि आलमनगर नगर पंचायत के अठगामा बासा, करुणा बासा, औराडीह और छोटी फटोरिया में करीब 15 साल पूर्व राष्ट्रीय नलकूप लगाया गया। इसके अलावा एक नलकूप खुरहान में लगाया गया। खुरहान को छोड़ उक्त सभी नलकूप करीब 10 साल पूर्व से खराब पड़ा हुआ है। खुरहान में भी करीब 5 साल पूर्व राष्ट्रीय नलकूप से पटवन चालू कराया गया। लेकिन करीब दो साल पूर्व बिजली पोल गिरने से किसानों के बीच पटवन की भारी समस्या आ गई है। स्थानीय लोगों की मुताबिक अठगामा बासा में लगे नलकूप का मोटर जला हुआ है। जबकि करुणा बासा में लगा मोटर पाइप में गिर जाने से पटवन कार्य बाधित हो गया है। वहीं छोटी फटोरिया में नलकूप लगने के कुछ साल बाद हीं पोल सहित ट्रांसफार्मर गिर जाने से अभी तक उक्त समस्या पर कोई गंभीरता नहीं बढ़ती जा सकी है। जबकि औराडीह में लगा नलकूप का मोटर जलने से पटवन के लिए जलापूर्ति बाधित बना हुआ है। बावजूद लघु सिंचाई विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं है।
फोटो कैप्शन
1,2. आलमनगर के छोटी फटोरिया में सालों से बंद पड़ा राष्ट्रीय नलकूप
1. बंद परे नलकूप को सुचारु करने के लिए कुछ दिन पूर्व लघु सिंचाई विभाग के जिला कार्यालय पहुंचकर कार्यपालक अभियंता के बीच समस्या रखी गई। बावजूद कार्यपालक अभियंता इस समस्या को चुनना भी मुनासिब नहीं समझे। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय नलकूप को सुचारु करने के लिए जिला पदाधिकारी के पहल की जरूरत है। डीएम के पहल से हीं किसानों को नलकूप योजना का समुचित लाभ मिल सकेगा।
राजेश्वर राय, आलमनगर
2. सरकार की अधिकारियों के प्रति नमी रुख रखने के कारण राष्ट्रीय नलकूप योजना बेकार बन गया है। इस समस्या से अधिकारियों को बार-बार अवगत कराया जाता है, लेकिन अधिकारी मनमानी दर्शाते हुए इस समस्या के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। अधिकारियों की उदासीनता से किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक क्षति पहुंच रही है। जिस क्षति पर गंभीरता बरतते हुए जिला प्रशासन को आगे आने की जरूरत है।
अमिताभ सिंह, खुरहान
3. अगर नलकूप योजना चालू रहता तो किसानों को आर्थिक बचत होती, लेकिन नलकूप योजना बंद रहने से किसानों को आर्थिक नुकसान का वहन करना पड़ रहा है। जो किसानों के माली हालत को भी प्रभावित करती है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों को गंभीरता बरतने की जरूरत है। विभागीय अधिकारी के गंभीरता से हीं इस जटिल समस्या को दूर करने पर हीं किसानों को लाभ मिल सकेगा।
प्रदीप भगत, औराडीह
4. जब नलकूप लगाया गया तो यहां के किसान काफी खुश थे। लेकिन कुछ हीं दिनों में नलकूप खराब हो जाने से किसान परेशान होने लगे। जिसकी शिकायत अधिकारी से बार-बार किया गया। लेकिन कोई अधिकारी इसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है। जिस कारण किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है।
उमेश मंडल, औराडीह
5. सरकार को नलकूप योजना चलाने के लिए अपनी पैतृक जमीन दिया है। लेकिन अधिकारियों की लचर व्यवस्था से न तो पटवन की सुविधा मिल रही है और न हीं जमीन का कोई सदुपयोग हो रहा है। जिससे कई सालों से घाटा का सामना करना पड़ रहा है। जबकि नलकूप से पटवन करने पर हमलोगों को काफी सुविधा मिलती।
अनिरुद्ध राम, औराडीह
6. सरकार के किसानों के प्रति चाह रखने के बावजूद अधिकारी द्वारा सरकार के मनसूबे पर पानी फेर रहे हैं। जिसका खामीयाजा हम सभी किसानों को भुगतना पड़ रहा है। कई सालों से किसानों को नलकूप योजना से पटवन का लाभ नहीं मिलने पर भारी क्षति पहुंच रही है और हमलोगों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है।
मुकेश मंडल, औराडीह
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