दशकों पुरानी मशीनों से मरीजों की जांच, पता नहीं चल पा रही बीमारी
मधुबनी के सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सेवाएं पुरानी मशीनों पर निर्भर हैं, जिससे मरीजों की जांच में परेशानी हो रही है। नई तकनीक की कमी के कारण 25-30 मरीज ही एक दिन में जांच करवा पाते हैं। कई मरीज...
मधुबनी,नगर संवाददाता। सदर अस्पताल की सेवाएं अब हाइटेक मॉडल अस्पताल भवन में संचालित हो रही है। मगर अभी भी अल्ट्रासाउंड की सेवा मरीजों को बेहतर नहीं मिल रही है। अल्ट्रासांउड की मशीन दशकों पुरानी है। इस पुरानी मशीन से मरीजों की जांच प्रभावित होती है। अब हर जगह पर अत्याधुनिक मशीनें लग गई हैं। जहां पर हर बीमारी का साफ-साफ पता चल जाता है। मगर सदर अस्पताल की दशकों पुरानी मशीन के माध्यम से एक दिन से 25 से 30 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड जांच हो पाती है। सदर अस्पताल में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाली मशीन नहीं रहने की वजह से सिर्फ गायनिक मरीजों की ही जांच हो पा रही है।
हालांकि मजबूरन अगर इमरजेंसी किसी मरीज को अल्ट्रसाउंड कराने की जरूरत होती है तो इक्के-दुक्के मरीजों की जांच हो पाती है। मरीज के परिजन शिवचंद्र राम, शीला कुमारी, रामरती देवी आदि ने बताया कि उनकी यहां की जांच साफ नहीं आती है। कई बार यहां के डॉक्टर ही इस अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट से सहमत नहीं हो पाते हैं। अधिकतर मरीजों को कहना है यहां की जांच सही नहीं होने की वजह से वे लोग बाहर से अल्ट्रासाउंड की जांच कराने को विवश हैं। फुलकुमारी देवी, मनीषा चौधरी आदि ने बताया कि यहां जांच भी एक दिन में संभव नहीं हो पाता है। कुछ मरीजों को तो एक महीने तक का समय दे दिया जाता है। इस वजह से वे लोग बाहर से जांच करवाकर डॉक्टर से दिखवाते हैं। कुछ मरीजों ने कहा कि अन्य बीमारियों से संबंधित मरीज बाहर से अल्ट्रासाउंड करवाने को विवश हैं। सुविधाएं अपटूडेट करने के लिए कई बार पत्राचार किया गया है। पहले हर दिन जांच भी नहीं होती थी, अब हर दिन अल्ट्रासाउंड की जांच हो रही है। सुविधाएं लगातार बढ़ रही हैं। आने वाले दिनों में सदर अस्पताल में सभी हाईटेक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध होगी। -डॉ. हरेन्द्र कुमार, सिविल सर्जन, मधुबनी।
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