स्मार्ट मीटर ने बढ़ाया लोगों का दर्द डिफरमेंट चार्ज से लगता है झटका
मधुबनी में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को उच्च बिजली बिल का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 27 हजार उपभोक्ता इससे परेशान हैं और शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग समाधान में असमर्थ है। मीटर रीडिंग...
मधुबनी। मधुबनी के शहरी इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद से ही लोग परेशान हो रहे हैं। शहर के लगभग 27 हजार उपभोक्ता इससे परेशान हैं। पहले की तुलना में लोगों को बिजली बिल का भुगतान डेढ़ से दोगुना अधिक करना पड़ रहा है। जबकी स्मार्ट मीटर को लेकर विभाग का दावा था कि इससे बिजली की खपत के सही आंकड़े का पता चलेगा। खपत को लेकर आ रही यूनिट की गड़बड़ियां दूर हो जाएंगी। अनावश्यक बिल लोगों को नहीं आएगा, लेकिन लोग इसके उलट महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब बिल पहले के मुकाबले अधिक आ रहा है। लोगों का आरोप है कि शिकायत करने पर कोई भी वजह बता दी जा रही है। डीफरमेंट के नाम पर कटा पैसा वापस नहीं होता। इसके अलावा मीटर की रीडिंग को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष है।
बिजली विभाग अब तक शहरी उपभाेक्ता को स्मार्ट मीटर लगने के बाद अधिक आ रहे बिल के बारे में उचित जानकारी देने में नाकाम रहा है। कई उपभोक्ता अपनी शिकायतों को लेकर बिजली विभाग के कार्यालय जा चुके हैं। लेकिन समाधान न मिलने के कारण उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बिजली कंपनी की मनमानी से उपभोक्ता अत्यधिक परेशान हैं। धनेश्वर महतो, अनिल कुमार, प्रदीप चौपाल समेत अन्य उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद उनके बिल में अत्यधिक वृद्धि हुई है। इस मुद्दे को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन किए गए, लेकिन बिजली कंपनी ने अपनी नीतियों में कोई सुधार नहीं किया। यही नहीं ऑनलाइन कार्यों के बावजूद उपभोक्ताओं को छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आरोप है कि अधिक बिल और मीटर संबंधित समस्याओं की शिकायत करने पर बिजली कार्यालय में उपभोक्ताओं की बातों को नजरअंदाज किया जाता है। इसके अलावा नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के लिए भी उपभोक्ताओं को कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता है।
हर महीने आ रहा अलग-अलग बिल : गोशाला रोड निवासी सुमन कुमार बताते हैं स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका हर महीने अलग-अलग बिल आता है। जबकि पहले उनका हर महीने बिल एक समान आता था। जबतक रिचार्ज नहीं कराते है तब तक बिजली नहीं आता है। बैलेंस खत्म होने का कोई नोटिफीकेशन नहीं आता। कई उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं कि उनकी खपत में कोई बदलाव नहीं हुआ फिर भी बिल में भारी वृद्धि हो रही है।
स्थानीय स्तर पर डीएम अरविंद कुमार ने बिजली के कार्यपालक अभियंता को कई बार निर्देश दिया है कि स्मार्ट मीटर को लेकर उठ रहे सवाल और आशंका को दूर करें। ताकी स्मार्ट मीटर के प्रति लोगों का विश्वास बढ़े। लेकिन डीएम के निर्देश के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। जबतक इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जाता और लोगों को इसकी पारदर्शिता का भरोसा नहीं दिलाया जाता तब तक यह सुविधा नहीं बल्कि मुसिबत ही रहेगी। विभाग को चाहिए की वह लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुने और तकनीकी खामियों को शीघ्रता से दूर करें, ताकि यह कदम वास्तव में ‘स्मार्ट साबित हो सके।
लोगों की शिकायतों पर कार्रवाई की रफ्तार धीमी
बिल की गड़बड़ी या मीटर से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करने पर उपभोक्तओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है। बिजली विभाग की हेल्पलाइन या कार्यालयों पर शिकायत का त्वरित समाधान नहीं हो रहा है। इससे उपभोक्ता हर दिन परेशान रहते हैं। स्मार्ट मीटर की व्यवस्था के तहत रिचार्ज करने के बावजूद घंटों तक बिजली का इंतजार करना पड़ता है। उपभोक्ता रौशन कुमार, राकेश और रंजीत झा ने बताया कि जब उनके घर की बिजली कट जाती है और वे स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करते हैं, तब भी घंटों तक बिजली नहीं आती। लोगों ने बताया की रिचार्ज करने के तुरंत बाद बैलेंस नहीं दिखाता और बिजली भी आधे घंटे बाद आती है। बताया कि पहले मीटर रीडिंग देखना आसान था लेकिन स्मार्ट मीटर की डिजिटल प्रणाली में यह सुविधा सीमित हो गई है। रियल टाइट डेटा देखने के लिए एप्स या पोर्टल की जरूरत होती है। जानकारी के अभाव में 90 फीसदी उपभोक्ताओं के समक्ष यह चुनाैती है। हालांकि एक चीज अपडेट हुई है कि अब विभाग के द्वारा मीटर से लिंक्ड नंबर पर मैसेज भेज दिया जाता है। इसके तहत जैसे ही बैलेंस 200 से नीचे आता है, लगभग हर दिन बैलेंस की जानकारी दी जाती है।
बिना तैयारी व जागरूकता के लगा स्मार्ट मीटर
रिचार्ज, बैलेंस व अन्य जानकारी की सुविधा के लिए स्मार्ट मीटर की कल्पना की गई थी। लेकिन लगने के बाद समय के साथ इसमें कोई बदलाव नहीं आया है यह लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। रमेश झा ने बताया कि एक सप्ताह पहले उन्होंने रिचार्ज किया था,गर्मी में पूरी रात बिजली कटी रही लेकिन रिचार्ज का अमाउंट अपडेट नहीं किया है। बिजली विभाग को फोन किया गया लेकिन कोई फोन नहीं उठाया। कोतवाली चौक के रहने वाले गौरी शंकर प्रसाद ने बताया कि जब से स्मार्ट मीटर लगा है कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार रिचार्ज करते ही सारा पैसा कट जाता है। बिजली ऑफिस जाने पर कोई वजह बता देते हैं। कोई सटीक जानकारी नहीं देता। लोगों का कहना है कि बिना तैयारी और जागरूकता के इसे लागू कर दिया गया। इससे लोगों के लिए सुविधा के बजाय यह व्यवस्था सिरदर्द बन गया है। ऐसा लगता है कि सरकार ने पैसे खाने के लिए यह व्यवस्था बनाई है। बिजली विभाग की हेल्पलाइन पर दर्ज हाे रही शिकायतों में 70 प्रतिशत से अधिक स्मार्ट मीटर से संबंधित हैं। लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि शिकायतों के बावजूद समाधान में काफी देरी होती है।
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सरकार को स्मार्ट मीटर लगाने से पूर्व में लोगों को स्मार्ट मीटर के बारे में जागरूक करना चाहिए था। साथ ही जो लोग स्मार्ट मीटर लगाना चाहते हैं उन्हीं के घर में स्मार्ट मीटर लगाना चाहिए था। बिजली विभाग की जबरदस्ती से लोग परेशान हैं। लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ है। जनता स्मार्ट मीटर को लेकर आक्रोश में है। सरकार ने इसे लागू कर ही दिया है तो इसे पारदर्शी बनाएं, ताकि लोगों को सहूलियत हो।
- समीर महासेठ, विधायक, मधुबनी
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