स्कूलों में लगाए गए अधिकांश समरसेबल पड़े हैं बेकार, नहीं मिल रहा है लाभ
शुद्ध और स्वच्छ पेयजल की कमी के कारण स्कूलों में लगाए गए अधिकांश समरसेबल पाइप बेकार पड़े हैं। कई जगहों पर नल टूटे हैं, मोटर खराब है या पाइप्स में समस्या है। बच्चों को पानी के लिए चापाकल का सहारा लेना...

निज संवाददाता। शुद्ध व स्वच्छ पेयजल को लेकर स्कूलों में लगाए गए अधिकांश समरसेबल पाइप बेकार पड़े हुए हैं। किसी का नल टूटा है तो किसी का टाइल्स फूटा है। किसी का मोटर खराब है तो किसी का पाइप। अधिकांश जगहों पर समरसेबल चालू नहीं है, जिसके कारण इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। शुद्ध व स्वच्छ पेयजल के लिए बच्चों को चापाकल का सहारा लेना पड़ता है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में जिन स्कूलों में बूथ बनाए गए थे उन स्कूलों में एजेंसी द्वारा समरसेबल पंप लगाया था। लेकिन उसमें काफी अनियमितता बरती गई थी। इसमें न तो स्कूल के एचएम से कोई सलाह लिया गया और न ही इस संबंध में कोई सही जानकारी दी गई।
कितनी गहराई में पाइप लगाया गया है इसकी कोई भी जानकारी एचएम के पास नहीं है। ढाका प्रखंड में करीब 190 स्कूल है। करीब सभी स्कूलों में चापाकल है। जिन स्कूलों में चापाकल खराब है, वहां के बच्चों को पानी पीने में काफी परेशानी होती है। कई स्कूल गांव से बाहर रहने के कारण कई स्कूलों में चापाकल की चोरी भी होने की शिकायतें मिलती है।
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