शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, किशोर कुणाल को पद्मश्री सम्मान; लोकगायिका के बेटे बोले- मां की याद आ रही है
राष्ट्रपति की ओर से एक्स पर जारी पोस्ट में कहा गया कि डॉ. शारदा सिन्हा लोक संगीत के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित हस्ती थीं। उनकी गायकी सामाजिक अस्तित्व के असंख्य आयामों को दर्शाती हैं। उनके गीतों की पवित्रता और गूंज, छठ त्योहार को सुशोभित करते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में 68 विभूतियों को पद्म सम्मान से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में लोकगायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण दिया गया। उनके बेटे डॉ. अंशुमान सिन्हा ने ये पुरस्कार ग्रहण किया। आरा के भीम सिंह भवेश को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने लोक और छठ गीतों को ख्याति दिलाई थी। यह सम्मान उन्हें संगीत के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया गया। पत्रकार भीम सिंह भवेश ने मुसहर जाति के बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया और उनकी पढ़ाई के लिए पुस्तकालय भी बनवाया। महावीर मंदिर ट्रष्ट के अध्यक्ष रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी स्व. किशोर कुणाल को भी पद्मश्री सम्मान दिया गया। उनके पुत्र पुत्र सायण कुणाल ने यह सम्मान लिया।
इस मौके पर शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान भावुक नजर आए। अंशुमान ने कहा कि मां की उपलब्धियों पर हमें गर्व है। उनका पूरा जीवन लोक संगीत को समर्पित रहा। स्व. शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमान सिन्हा ने कहा कि मां की आज बहुत याद आ रही है। उनके भौतिक रूप से उपस्थित न होने का दुख भी है। मां ने अपना पूरा जीवन लोक संगीत को समर्पित किया। जीवन के अंतिम समय में भी बिहार के लोक संगीत को जीती रहीं।
आज जब यह सम्मान ग्रहण कर रहा था तो उनके होने और उनके न होने की साथ-साथ अनुभूति हो रही थी। वह लोकसंगीत की प्रेरणास्रोत हैं। मैं उनका संतान हूं। इस बात का जीवन भर गर्व रहेगा। राष्ट्रपति की ओर से एक्स पर जारी पोस्ट में कहा गया कि डॉ. शारदा सिन्हा लोक संगीत के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित हस्ती थीं। उनकी गायकी सामाजिक अस्तित्व के असंख्य आयामों को दर्शाती हैं। उनके गीतों की पवित्रता और गूंज, छठ त्योहार को सुशोभित करते हैं।