बोले सो निहाल, सत श्री अकाल
मोतिहारी में गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा में खालसा पंथ का 326 वां सृजना दिवस वैशाखी पर्व के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में लोगों ने मत्था टेका और अमन-चैन की कामना की। हजूरी रागी वक्रिम सिंह के...

मोतिहारी, मोतिहारी संवाददाता। ज्ञानबाबू चौक स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा में खालसा पंथ का 326 वां सृजना दिवस हर्षोल्लास के साथ वैशाखी पर्व के रुप में मनाया गया। इस अवसर पर अनेक लोगों ने बड़ी संख्या में गुरुद्वारे में मत्था टेका और अपने परिवार, समाज व देश में अमन-चैन की कामना की। कार्यक्रम को लेकर सहज पाठ की समाप्ति के बाद पटना साहिब से पधारे हजूरी रागी वक्रिम सिंह के जत्थे ने संगीतमय गुरुवाणी कीर्तन कर गुरुद्वारा सहित आसपास के वातावरण को पूरा भक्तिमय बना दिया था। वहीं गुरुवाणी विचार के क्रम में उपस्थित लोगों को खालसा सृजना दिवस वैशाखी की बधाई देते हुए गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष सतपाल सिंह छाबड़ा ने खालसा पंथ की स्थापना दिवस पर चर्चा करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने मानवता की रक्षा के लिए पंच प्यारे के रुप में खालसा पंथ की स्थापना कर देश व समाज के लिए एक आदर्श स्थापित किया था। सिख गुरुओं के सभी उपदेशों को गुरुग्रंथ साहिब में संगृहित किया था। खालसा पंथ की स्थापना हो जाने पर उनदिनों समाज में व्यापत रुढ़िवादिता आदि बाधाएं अपने आप दूर हो गयी। उन्होंने बताया कि वैशाखी गुरुपर्व पर हम सभी गुरुजी के बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित उपमेयर डॉ लालबाबू प्रसाद, अमरेन्द्र सिंह व संत संजय दास सहित अन्य ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रधान ग्रंथी सुखविंदर सिंह सहित गुरुद्वारा गुरु सिंघ सभा के अनेक सदस्य सपरिवार उपस्थित थे। वहीं संध्या समय गुरुद्वारा में प्रकाशोत्सव का आयोजन किया गया था।
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