Challenges Faced by Bharat Scouts and Guides in Bihar प्रशक्षिति बच्चों को उच्च शक्षिा और सरकारी नौकरी में मिले विशेष छूट, Motihari Hindi News - Hindustan
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प्रशक्षिति बच्चों को उच्च शक्षिा और सरकारी नौकरी में मिले विशेष छूट

भारत स्काउट और गाइड के सदस्यों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्काउटिंग और गाइडिंग बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन कुछ विश्वविद्यालयों में इसे नजरअंदाज किया जाता है। स्काउट गाइड के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीMon, 12 May 2025 08:07 PM
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प्रशक्षिति बच्चों को उच्च शक्षिा और सरकारी नौकरी में मिले विशेष छूट

भारत स्काउट और गाइड के सदस्य कई परेशानियों से जूझ रहे हैं। जिला मुख्य आयुक्त रत्नेश्वरी शर्मा, जिला संगठन आयुक्त दीपक कुमार गुप्ता, जिला सचिव अभिषेक राज, पूर्व जिला संगठन आयुक्त राज किशोर पासवान, उपसभापति शशिकला कुमारी आदि ने बताया कि स्काउटिंग और गाइडिंग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। यह बच्चों के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। भारत स्काउट एवं गाइड बिहार राज्य से प्रशक्षिति बच्चों को तृतीय सोपान प्राप्त प्रमाण पत्र पर 12 अंक एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने पर 18 अंक विभन्नि महावद्यिालय में नामांकन में वेटेज देने का प्रावधान है। लेकिन, बिहार के कुछ वश्विवद्यिालय में इसकी अनदेखी की जाती है।

भारतीय रेल में भारत स्काउट गाइड के लिए स्काउट गाइड कोटा से ग्रुप सी एवं डी में प्रत्येक वर्ष नियुक्तियां निकलती हैं। स्काउट गाइड से प्रशक्षिति हजारों बच्चे इसके लाभ से वंचित हो जाते हैं। जिला आयुक्त मनीष कुमार द्विवेदी, केशव कृष्ण, अजहर हुसैन अंसारी, बिंटी शर्मा, प्रीति कुमारी, मिनाक्षी, देवनंदन प्रसाद का कहना है कि सरकार को अन्य विभागों में भी स्काउट गाइड से प्रशक्षिति बच्चों को नौकरियों में जगह देनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक युवा वर्ग स्काउट गाइड से जुड़कर छात्र जीवन से ही अपने व्यक्तत्वि के विकास के साथ-साथ, समाज एवं देश के लिए एक बेहतर नागरिक बनकर उपयोगी सद्धि हो सकें। स्काउट गाइड के प्रशक्षिक देवनंदन प्रसाद ने कहा कि बच्चे छोटी उम्र से ही स्काउट गाइड से जुड़कर देश और समाज की सेवा करते हैं। लेकिन, उन्हें वैसा लाभ नहीं मिलता जो मिलनी चाहिए। भारत में स्काउटिंग 1909 में और गाइडिंग 1911 में शुरू हुई, जो 1950 में भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के रूप में एक संस्था के रूप में कार्य करने लगी। वश्वि स्तर पर लॉर्ड बेडेन पावेल द्वारा 1907 में शुरू किया गया था। 1950 में भारत स्काउट्स एंड गाइड्स का गठन हुआ, जो भारत का राष्ट्रीय स्काउटिंग और गाइडिंग संघ है। यह संगठन किसी भी मूल जाति, वंश या धर्म के भेदभाव से मुक्त प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुला है। पूरे भारतवर्ष में भारत स्काउट एवं गाइड से लगभग 70 लाख से अधिक युवा छात्र-छात्राएं जुड़े हुए हैं, जबकि पूर्वी चंपारण जिले में 25,000 से अधिक स्काउट गाइड हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य वश्वि बंधुत्व भाईचारे का संदेश फैलाना और समाज की सेवा करना है। रत्नेश्वरी शर्मा ने कहा कि पूर्वी चंपारण में भारत स्काउट एंड गाइड का कार्यालय शहर के बांग्ला मध्य वद्यिालय परिसर में पीटी उषा शारीरिक प्रशक्षिण संस्थान के भवन में संचालित है। भारत स्काउट एंड गाइड की अपनी जमीन गायत्री नगर में पांच कट्ठा व चांदमारी मुहल्ला में 10 कट्ठा पड़ी है। आसपास के लोगों द्वारा इसका अतक्रिमण किया जा रहा है। मुहल्ले के लोग खाली जमीन पर पानी बहा रहे हैं। अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देने व अतक्रिमणमुक्त कराने की आवश्यकता है। डीएम वर्तमान में भारत स्काउट एंड गाइड के सभापति हैं। स्काउट गाइड के बच्चे नस्विार्थ भाव से हमेशा समाज सेवा व प्रशासनिक गतिविधियों में योगदान देते हैं। जिले के हाईस्कूलों में नामांकन के समय प्रत्येक छात्र से 10 रुपया स्काउट एंड गाइड के नाम पर लिया जाता है, मगर, वह पैसा स्काउट को नहीं मिल पा रहा। कार्यालय में सुविधा नहीं होने के कारण प्रशक्षिण में होती है समस्या: पूर्वी चंपारण जिला में फिलहाल भारत स्काउट एंड गाइड का कार्यालय शहर के बांग्ला मध्य वद्यिालय परिसर में पीटी ऊषा शारीरिक प्रशक्षिण संस्थान के भवन में संचालित हो रहा है। इस कार्यालय के समीप भारत स्काउट एंड गाइड की अपनी पांच कठ्ठा जमीन यूं हीं पड़ी है। इसकी चाहरदीवारी आवश्यक है। इसका अतक्रिमण किया जाने लगा है। कार्यालय में सुविधा नहीं होने से जिला स्तर पर प्रशक्षिण में बहुत समस्या होती है। इसमें 6 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक के अलग-अलग ग्रुप के बच्चे भाग लेते हैं। कार्यालय में बिजली, पानी व बैठने की सुविधा नहीं है। शिकायतें : 1.आधुनिक शक्षिा प्रणाली में पाठ्यक्रम का दबाव होने के कारण स्काउटिंग गाइडिंग क्रियाकलाप में उदासीनता बरती जाती है। 2.स्काउटिंग और गाइडिंग के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। लोगों व बच्चों को सही जानकारी नहीं है। 3.स्कूलों में शक्षिकों का ध्यान स्काउटिंग पर नहीं रहता है। स्कूलों में इसे प्राथमिकता देनी होग 4.पाठ्यक्रम में एक वैकल्पिक विषय के रूप में भी नहीं देखा जाता है, जिससे छात्रों में इस विषय के प्रति रुचि कम होती है। 5.जिले में भारत स्काउट और गाइड के लिए सुविधायुक्त कार्यालय व भवन नहीं है। अपनी जमीन पर लोग अतक्रिमण कर रहे हैं। सुझाव : 1. स्काउटिंग शक्षिा को आगे बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सभी को मिलकर आगे आना होगा, तभी बात बनेगी। 2. लड़के और लड़कियों को समान रूप से स्काउट-गाइड की शक्षिा दी जानी चाहिए। ऐसा करने वे सशक्त हो पाएंगे। 3. बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करना होगा। उन्हें बताना होगा कि आगे चलकर इसका क्या लाभ होगा। 4. मोतिहारी में स्काउट गाइड के मुख्यालय के लिए 15 कट्ठा जमीन आवंटित है। इससे अतक्रिमण हटाने की जरूरत है। 5. भारत स्काउट एवं गाइड से बच्चों को जोड़ना होगा। ऐसा करने पर बच्चों में अनुशासन व चरत्रि नर्मिाण को बढ़ावा मिलेगा। बोले जम्मिेदार आपसी विवाद के कारण भारत स्काउट एंड गाइड का चुनाव नहीं हो सका है। फिलहाल तदर्थ कमेटी काम कर रही है। जल्द ही भारत स्काउट एंड गाइड के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर स्कूलों में अधिक से अधिक पंजीयन कराने का प्रयास किया जाएगा। भारत स्काउट एंड गाइड के पदाधिकारी को ही स्कूल से संपर्क कर पंजी यन व राशि लेने को कहा गया है। नत्यिम कुमार गौरव, डीपीओ सह नोडल पदाधिकारी

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