Hospital Cleaners Face Salary Delays Impacting Hygiene Standards सफाईकर्मियों को समय पर वेतन नहीं चिंता से चरमराई अस्पताल की व्यवस्था, Motihari Hindi News - Hindustan
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सफाईकर्मियों को समय पर वेतन नहीं चिंता से चरमराई अस्पताल की व्यवस्था

सदर अस्पताल के सफाईकर्मियों को जीविका द्वारा पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। सफाईकर्मियों ने बताया कि उन्हें सरकारी न्यूनतम वेतन से भी कम, केवल सात हजार...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीThu, 8 May 2025 05:22 PM
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सफाईकर्मियों को समय पर वेतन नहीं चिंता से चरमराई अस्पताल की व्यवस्था

सदर अस्पताल की साफ-सफाई की जम्मिेदारी बीते कुछ महीनों से जीविका को सौंपी गयी है मगर, दो महीने से सफाईकर्मियों का वेतन भुगतान लंबित है। इन सफाईकर्मियों का कहना है कि जिनके कंधों पर अस्पताल को साफ-सुथरा व चकाचक बनाने की जम्मिेदारी है, उनके परिवार व भवष्यि की चिंता किसी को नहीं है। इससे अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। जीविका से बहाल सफाईकर्मी चितु देवी, मंजू देवी, गीता देवी, लता देवी, किरण देवी, चांदनी देवी, रंभा देवी, नीतू देवी, गुड़िया देवी ने बताया कि पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। सफाई कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने लगी है।

दुकानदार अब उधार में सामान देने से मना कर रहे हैं। नए सत्र में बच्चों का नामांकन नहीं होने के साथ उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सदर अस्पताल के सफाईकर्मियों ने बताया कि जीविका को सफाई का काम सौंपे जाने से पहले श्रम विभाग से सरकार द्वारा नर्धिारित न्यूनतम सरकारी रेट भुगतान करने की बात हुई थी मगर जीविका द्वारा सफाईकर्मियों को मात्र सात हजार रुपए महीने भुगतान किया जाता है। सफाईकर्मियों का कहना है कि श्रम विभाग के नियम के अनुसार उन्हें करीब 12 हजार रुपये प्रति महीना भुगतान करना था। हर महीने पांच हजार रुपये कम मिलना उनके साथ नाइंसाफी है। इससे उनका गुजारा नहीं हो रहा है। इनका कहना है कि वरीय अधिकारियों को हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश की जानी चाहिये। सफाईकर्मियों के अनुसार, इसका प्रतिकूल असर अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। मार्च में हड़ताल के बाद ही मिला था वेतन : सफाईकर्मियों ने बताया कि जीविका द्वारा वेतन भी प्रतिमाह समय पर नहीं मिल पाता है। पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। इसको लेकर दो दिवसीय हड़ताल भी की गई थी। वेतन के अभाव में काफी परेशानी होती है। इससे पहले मार्च में भी हड़ताल करने के बाद ही वेतन मिल पाया था। पहले की एजेंसी समय पर सरकारी रेट से वेतन का भुगतान करती थी। जब से जीविका को सफाई व्यवस्था की एजेंसी मिली है, तब से वेतन भी कम हो गया है और समय पर वेतन भी नहीं मिलता है। सफाईकर्मी चितू देवी ने कहा कि वर्षों से सदर अस्पताल में सफाई का काम किसी न किसी एनजीओ के साथ करती आ रही हूं। बगैर हड़ताल के एनजीओ द्वारा वेतन मिलता रहा है। लेकिन, दो महीना हो गया अभी तक वेतन जीविका द्वारा नहीं दिया गया है। मंजू देवी ने बताया कि चार महीने से सदर अस्पताल की साफ-सफाई का काम जीविका को मिला है। उसके अधीन वे लोग साफ-सफाई का काम करती हैं। मगर हालत यह है कि दो महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन के अभाव में परिवार का गुजारा मुश्किल हो गया है। सफाईकर्मी गीता देवी बताती हैं कि जब से जीविका को सरकार ने सदर अस्पताल की सफाई का ठेका दिया है, तबसे उन लोगों को समय पर वेतन नहीं मिलता है। श्रम विभाग को शिकायत किए जाने के बाद भी उनके वेतन में सुधार नहीं हुआ। जीविका को सदर अस्पताल की सफाई का ठेका मिलने पर उम्मीद जगी थी कि वेतन भी बढ़ेगा और हर महीने समय पर वेतन मिल जाएगा। शुरुआती दो महीने का वेतन भी कम दिया गया व पिछले दो महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है। सफाईकर्मियों को श्रम विभाग से नर्धिारित दर पर दिया जाय वेतन किरण देवी कहती हैं कि न तो सरकार के लेबर विभाग के नियम के अनुसार पारश्रिमिक मिल रहा है और न समय पर दिया जा रहा है। पहले के जो भी एनजीओ थे, सबके सब श्रम विभाग के नियम के अनुसार हर महीने वेतन देते थे। इसकी शिकायत सभी सफाई कर्मी विभाग में कर चुके हैं। बावजूद इसके कुछ भीं सुधार नहीं हुआ। वेतन के अभाव में परिवार की स्थिति नाजुक हो गई है। मंजू देवी का कहना है कि जीविका एनजीओ से जो वेतन को लेकर बात हुई थी। उस हिसाब से वेतन नहीं मिला रहा है। मात्र सात हजार का महीना देते हैं। शिकायतें 1. सदर अस्पताल की सफाई की जम्मिेदारी बीते चार महीने से जीविका को सौंपी गयी है। दो महीने से वेतन भुगतान लंबित है। 2. समय से वेतन नहीं मिलने से परिवार के समक्ष भूखमरी की समस्या है। अस्पताल की सफाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 3. पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है। दुकानदार अब उधार में सामान देने से मना कर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही। 4. जीविका द्वारा सफाईकर्मियों को हर माह सात हजार रुपए दिया जाता है। यह सरकारी रेट से काफी कम है। 5. जीविका से प्रतिमाह समय पर वेतन नहीं मिल पाता है। मार्च में भी हड़ताल करने के बाद वेतन मिल पाया था। सुझाव 1. सदर अस्पताल की सफाई के लिए जम्मिेदार जीविका को अपनी व्यवस्था में सुधार कर समय से वेतन भुगतान करना चाहिये। 2. समय से वेतन मिलने से परिवार के पालन-पोषण में सुविधा होगी। इससे अस्पताल की सफाई भी ठीक से हो सकेगी। 3. पिछले दो महीने से बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। वेतन मिलने से उनकी आजीविका आसान होगी। 4. जीविका द्वारा सफाईकर्मियों को मात्र सात हजार रुपए महीने भुगतान किया जाता है। इसे सरकारी रेट से दिया जाए। 5. जीविका से प्रतिमाह समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था हो ताकि वेतन भुगतान के लिए उन्हें हड़ताल नहीं करनी पड़े। बोले जम्मिेदार सीएस और डीएस के संयुक्त हस्ताक्षर से बिल सरकार को भेजा जाता है। इसके बाद वहां से राशि जीविका को मिलती है। इसके बाद सफाई कर्मी के बैंक खाते में राशि भेजी जाती है। बिल को लटका कर रखा गया है, जिससे सफाई कर्मी को पारश्रिमिक नहीं मिला है। सफाईकर्मी से वार्ता के अनुसार वेतन भुगतान हो रहा है। काम ठीक करने पर पारश्रिमिक बढ़ेगा। गणेश पासवान, डीपीएम, जीविका।

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