तटवर्ती क्षेत्र में दलहन-तिलहन की होगी नेचुरल खेती
मोतिहारी के गंडक तटवर्ती क्षेत्र में पहली बार दलहन और तेलहन की नेचुरल खेती की जाएगी। इसमें रासायनिक उर्वरक का उपयोग नहीं होगा, केवल प्राकृतिक संसाधनों से खेती की जाएगी। कृषि विभाग ने 750 हेक्टेयर...

मोतिहारी। पूर्वी चंपारण के गंडक तटवर्ती क्षेत्र में पहली बार दलहन व तेलहन की नेचुरल खेती होगी। इस खेती के लिए किसी भी रूप में रासायनिक उर्वरक या रसायन वाले कीटनाशी का उपयोग किसान नहीं करेंगे। बल्कि यह खेती रसायन मुक्त होगी। इस खेती के लिए सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होगा। जो पशुधन से प्राप्त गोबर आदि का इस्तेमाल होगा। इसमें जैविक खाद सहित जैविक कीटनाशी आदि शामिल होंगे। कृषि विभाग ने कलस्टर में 750 हेक्टेयर में दलहन व तेलहन की नेचुरल खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिले के तीन ब्लॉक में 50-50 हेक्टेयर में दलहन व तेलहन की खेती किसान करेंगे।
इसमें चकिया में पांच पंचायत, मेहसी में सात पंचायत व केसरिया ब्लॉक में तीन पंचायतों का चयन किया गया है। पंचायतवार प्रत्येक कलस्टर में 125-125 किसान शामिल रहेंगे। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत जिले का चयन राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत रसायन मुक्त खेती के लिए जिले का चयन किया गया है। इसमें पशुधन एकीकृत प्राकृतिक खेती के तौर तरीके और भारतीय पारंपरिक ज्ञान में निहित विभिन्न फसल प्रणाली शामिल है। इस खेती से मिट्टी की सेहत में सुधार होगा। किसानों को खेती में लागत कम आएगी। कहते हैं अधिकारी डीएओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए गंडक के निकटवर्ती तीन ब्लॉक का चयन किया गया है। कलस्टर में प्राकृतिक खेती को लेकर गाइड लाइन दिया गया है।
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