तारापुर के 90 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन नहीं, बच्चों को हो रही परेशानी
तारापुर प्रखंड के 128 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 90 केंद्रों के पास स्थायी भवन नहीं है, जिससे बच्चों और सेविकाओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। 11 केंद्रों में सेविकाओं की कमी है, जिसके कारण...

तारापुर, निज संवाददाता। तारापुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में संचालित 128 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 90 केंद्र ऐसे हैं, जिनके पास अपना स्थायी भवन नहीं है। ये केंद्र स्कूलों, सामुदायिक भवनों या किराये के मकानों में संचालित हो रहे हैं, जिससे न सिर्फ बच्चों को बल्कि केंद्र की सेविका व सहायिका को भी केन्द्र संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। इनमें पीने के पानी, शौचालय और बच्चों के खेलने-पढ़ने के लिए सुरक्षित स्थान की व्यवस्था नहीं है। 11 आंगनबाड़ी ऐसे हैं, जिनमें सेविका नहीं रहने से दूसरे केन्द्रों में मर्ज कर दिया गया है।
बाल विकास परियोजना कार्यालय, तारापुर से मिली जानकारी के अनुसार, प्रखंड के 128 आंगनबाड़ी केंद्रों में से मात्र 38 केंद्रों के पास अपना भवन है। 27 केंद्र सामुदायिक भवनों में, 16 विभिन्न स्कूलों में, 47 केंद्र किराए के मकानों में संचालित किए जा रहे हैं। सेविकाओं की कमी भी चुनौती: तारापुर प्रखंड के 11 आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका की नियुक्ति नहीं हो पायी है। इससे इन केन्द्रों का संचालन आसपास के केंद्रों में मर्ज कर किया जा रहा है। जगह की कमी के कारण बच्चों को पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में असुविधा हो रही है। स्थानीय बुद्धिजीवी का मानना है कि भवन निर्माण की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए और सेविका की नियुक्ति की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। कहती हैं सीडीपीओ भवन निर्माण की दिशा में प्रयास जारी है। विभाग की ओर से 85 केंद्रों के लिए भवन निर्माण को लेकर सीओ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की गई थी, जिसमें से 37 केंद्रों के लिए एनओसी प्राप्त हो चुका है। प्राप्त एनओसी के आधार पर संबंधित विभाग से नए भवन निर्माण के लिए पत्राचार किया गया है। छह आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। शेष बचे भवनों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। पुष्पा कुमारी, सीडीपीओ, तारापुर।
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