सीबरेज प्लांट में ट्रीटमेंट हुए शौचालय के पानी को उपयोग में लाएगा नगर निगम
मुंगेर के चौखंडी स्थित 30 एमएलडी क्षमता वाले ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी अब गंगा में प्रवाहित नहीं होगा। नगर निगम और आईटीसी के बीच वाटर रियूज नीति पर सहमति बनी है, जिससे ट्रीटमेंट किया गया पानी...

मुंगेर, निज संवाददाता । शहर के चौखंडी स्थित 30 एमएलडी क्षमता वाले ट्रीटमेंट प्लांट में शहर के शौचालयों का गंदा पानी ट्रीटमेंट होने के बाद फिलहाल पाइप के सहारे गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है। जिसे अब उपयोग में लाने की योजना नगर निगम और शहर के प्रतिष्ठित औद्योगिक प्रतिष्ठान आईटीसी की ओर से तैयार की गई है। ट्रीटमेंट वाटर रियूज नीति पर आईटीसी और नगर निगम के बीच गुरुवार को सहमति बनी। सहमति के बाद अब नगर निगम ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को उपयोग करने के लिए कार्य योजना बना रहा है। कार्य योजना के तहत ट्रीटमेंट प्लांट के समीप ही पानी स्टोरेज प्लांट बनाया जाएगा।
वाटर स्टोरेज प्लांट से पाइप बिछाकर पाइप के माध्यम से आईटीसी फैक्ट्री तक पहुंचाया जाएगा। इस पानी से आईटीसी फैक्ट्री को पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी। फैक्ट्री को आपूर्ति करने के बाद बचे हुए पानी से आसपास के खेतों में किसान सिंचाई भी कर सकेंगे। ट्रीटमेंट वाटर रियूज नीति पर काम शुरू होने के बाद ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला पानी सीधे गंगा में प्रवाहित नहीं होकर प्रयोग में लाया जाएगा। इससे जहां नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति होगी , वहीं ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी होगा। प्रतिदिन निकलता है 16 से 17 एमएलडी पानी: शहर के 17500 घरों के शौचालयों से निकलने वाला गंदा पानी सीबरेज के 5 स्थानों पर बने सब स्टेशन में जाता है। सभी पांच सब स्टेशन से शौचालय का गंदा पानी चौखंडी स्थित 30 एमएलडी क्षमता वाले सीबरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचता है। जहां गंदा पानी ट्रीटमेंट होकर प्रतिदिन 16 से 17 एमएलडी पानी निकलता है। जिसे ट्रीटमेंट के बाद फिलहाल पाइप के माध्यम से गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है। मुंगेर सीबरेज ट्रीटमेंट प्लांट को फोर स्टार रेटिंग: नगर निगम के लोक स्वच्छता पदाधिकारी गुलाम रब्बानी ने बताया कि ट्रीटमेंट वाटर की जांच करने वाली एनएबीएल लैब द्वारा मुंगेर सीबरेज ट्रीटमेंट प्लांट को फोर स्टार रेटिंग दिया गया है ,जो बिहार में इकलौता है। रिचेकिंग में भी एसटीपी के ट्रीटमेंट हुए पानी को सौ प्रतिशत शुद्ध पाया गया है। लैब के शुद्धता की रिपोर्ट के आधार पर ही ट्रीटमेंट हुए पानी को रियूज में लाने की कार्य योजना तैयार की गई है। बोले उपनगर आयुक्त सीबरेज प्लांट में ट्रीटमेंट हुए शौचालय के पानी को उपयोग में लाने के लिए वाटर रियूज नीति पर काम किया जा रहा है। इससे जहां नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं ग्राउंड वाटर भी रिचार्ज होगा। हेमंत कुमार, उपनगर आयुक्त, नगर निगम, मुंगेर।
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