Munger District Farmers to Start Coconut Cultivation with Government Subsidy नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी, Munger Hindi News - Hindustan
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नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी

मुंगेर जिले में किसान अब नारियल की खेती कर सकेंगे। उद्यान विभाग ने नारियल पौधे वितरण योजना शुरू की है, जिसमें किसानों को अनुदान पर पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 30 मई...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSun, 25 May 2025 03:42 AM
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नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो रहे जिले के किसान, सरकार दे रही सब्सिडी

मुंगेर, निज प्रतिनिधि। जिले में किसान अब नारियल की खेती भी करेंगे। कम मेहनत और कम लागत में अच्छी आमदनी होगी। उद्यान विभाग द्वारा नारियल पौधा वितरण योजना में मुंगेर को शामिल किया गया है। अनुदान पर किसानों को पौधे मुहैया कराये जाएंगे। पोर्टल खुल गया है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा। इस बार जिले में करीब नौ हेक्टेयर में नारियल की खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 1600 पौधे बांटे जाएंगे। प्रति पौधे की कीमत 85 रुपया निर्धारित है। 75 फीसदी अनुदान काटकर किसान को एक पौधे के लिए 21.25 रुपए प्रति पौधे देने होंगे।

एक किसान कम से कम पांच तो अधिकतम 712 पौधे ले सकते हैं। एक हेक्टेयर में नारियल की खेती के लिए 178 पौधे की जरूरत पड़ती है। अच्छी बात यह कि जिले के जलवायु के अनुसार पौधे किसानों को मिलेंगे। खास यह भी कि किसान चाहें तो खेत में पौधे लगाएं या जगह की कमी है तो किचेन गार्डेन में भी लगा सकते हैं। नारियल की खेती के इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जमीन का रसीद, किसान निबंधन संख्या, पहचान पत्र, आदि कागजात देने होंगे। पोर्टल खुल चुका है। जिले में नारियल की खूब मांग है। पर्व-त्योहार के मौके पर सूखा नारियल की मांग बड़े पैमाने पर होती है। जबकि, सालों भर कच्चा नारियल फल की बिक्री यहां होती है। अमूमन सूखा नारियल की खेप आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु से आती है। कच्चा नारियल फल के लिए यहां के कारोबारी कोलकाता की मंडियों पर निर्भर रहते हैं। नारियल के पौधे का हर भाग उपयोगी होता है। इसके फल का जल प्राकृतिक पेय के रूप में, गरी खाने और तेल के लिए, पत्ते, जलावन, झाडू, छप्पर, खाद तथा लकड़ी फर्नीचर बनाने के काम में आती है। नारियल के फल एवं जल में विभिन्न प्रकार के विटामिन, शर्करा एवं खनिज लवण की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। जिला उद्यान पदाधिकारी सुपर्णा सिन्हा ने बताया कि मुंगेर जिले में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान पर किसानों को पौधे मुहैया कराये जाएंगे। खास यह कि जिले के जलवायु और किसानों की पसंद के अनुसार पौधे मिलेंगे। नारियल की खेती से कम लागत में अच्छी कमाई की जा सकती है। इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की तिथि 30 मई तक निर्धारित है। बोले अिधकारी जिले में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकार काफी जोर दे रही है। किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिये किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर नारियल का पौधा उपलब्ध कराएगी। इच्छुक किसान जल्द से जल्द विभागीय वेबसाइड पर आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर दिया जाएगा। डा. सुपर्णा सिन्हा, डीएचओ मुंगेर।

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