नये पुर्जे स्क्रैप बताकर 18 रुपये किलो के भाव बेच दिए
मुजफ्फरपुर में नए पुर्जे को स्क्रैप बताकर बिना टेंडर बेचे जाने के मामले में सीबीआई ने नारायणपुर अनंत और गढ़हरा स्टेशन पर छापेमारी की। सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि रेलवे...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। नये पुर्जे को स्क्रैप बताकर बिना टेंडर ही 18 रुपये किलो के भाव बेच देने के मामले के तार सोनपुर मंडल के नारायणपुर अनंत और गढ़हरा स्टेशन के कैरेज एंड वैगन विभाग से जुड़ गए हैं। इसको लेकर सीबीआई की टीमों ने नारायणपुर अनंत व गढ़हरा स्टेशन के कैरेज एंड वैगन विभाग पर छापेमारी की। मामले में सीबीआई ने पूर्व में एक वरीय सेक्शन इंजीनियर सहित चार को गिरफ्तार किया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर नारायणपुर व गढ़हरा में छापेमारी की गई। सीबीआई की एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की दो टीमों ने गुरुवार को छापेमारी की।
नारायणपुर अनंत में छापेमारी का नेतृत्व केस की आईओ सीबीआई की डिप्टी एसपी रूबी चौधरी कर रहीं थीं। उन्होंने नारायणपुर अनंत कैरेज एंड वैगन विभाग में 11 घंटे तक दर्जनभर से अधिक रेलकर्मियों से पूछताछ की। इस दौरान टीम ने सप्लाई से संबंधित सभी रिकॉर्ड को देखा और आधा दर्जन से अधिक रिकॉर्ड रजिस्टर जब्त कर साथ ले गई। बताया जाता है कि सीबीआई ने तीन साल के रिकॉर्ड की जांच की। एक मई को नये एसएसई ने दिया था योगदान : नये सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) सीबीपी सिंह ने गुरुवार को नारायणपुर अंनत में योगदान दिया था। इससे पूर्व अजय सहनी 30 अप्रैल को प्रभार विभाग को सौंप एक मई से मेडिकल लीव पर चले गए। नारायणपुर अनंत स्टेशन पर इसको लेकर कई तरह की चर्चा होती रही। दूसरी ओर, शुक्रवार को नये एसएसई ने मुजफ्फरपुर जंक्शन स्थित सीडीओ राजीव रंजन से भी मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया। बता दें कि एसएसई मुजफ्फरपुर के सीडीओ के अधीन आते हैं। मोबाइल बंद होने से परिजन भी रहे चिंतित : नारायणपुर अनंत स्टेशन पर सीबीआई छापेमारी के बारे में कोई कर्मी बोलने को तैयार नहीं है। एक रेलकर्मी के हिरासत में लेने की चर्चा है, लेकिन रेलवे या सीबीआई ने इसकी पुष्टि नहीं की है। हालांकि, आरपीएफ नारायणपुर अनंत ने सीबीआई छापेमारी की पुष्टि की है। पूछताछ के दौरान कर्मियों को मोबाइल फोन बंद करा एक कमरे में बैठा दिया गया था। सुबह 10 बजे से कार्रवाई शुरू हुई जो रात करीब नौ बजे तक चली। इसबीच मोबाइल बंद रहने से कर्मियों के परिजन भी परेशान रहे। 25 अप्रैल को एसीबी में दर्ज कराई थी एफआईआर : मालूम हो कि रेलवे की निगरानी विभाग ने कमीशनखोरी को लेकर सीबीआई में शिकायत की थी। सत्यापन के बाद सीबीआई, पटना की एसीबी शाखा ने बीते 25 अप्रैल को केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें पूमरे के डेहरी ऑन सोन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर, विभाग के हेल्पर सहित अन्य आरोपित बनाए गए। उसके बाद सीबीआई ने एक वरीय सेक्शन इंजीनियर सहित चार को गिरफ्तार किया। इस पूरे प्रकरण में दर्ज तीन अलग-अलग केस की सीबीआई जांच कर रही है। इसमें एक केस नारायणपुर अनंत से संबंधित है। स्क्रैप बेचने का एक बड़ा नेटवर्क चला रहे : जांच में खुलासा हुआ है कि रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के कुछ अधिकारी-कर्मचारी निजी ठेकेदारों के साथ मिलकर नये पुर्जे को पुराना स्क्रैप बताकर कम कीमत पर बेचने का बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। इस घोटाले में दानापुर से डेहरी तक करोड़ों रुपये की रेलवे संपत्ति अवैध रूप से बेची गई है। जिस संवेदक ने डेहरी-ऑन-सोन में मालगाडी व ट्रैक पुर्जे का सामान दिया था, उसी ने नारायणपुर अनंत और गढ़हरा कैरेज एंड वैगन को पुर्जे की सप्लाई की थी। इसको लेकर सीबीआई ने दोनों जगह छापेमारी की।
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