67 लाख की ठगी में 17 मोबाइल नंबर और 7 बैंक खातों का इस्तेमाल
मुजफ्फरपुर में शिक्षकों और व्यवसायियों से 67 लाख रुपये की ठगी हुई है। साइबर शातिरों ने 17 मोबाइल नंबर और 7 बैंक खातों का इस्तेमाल किया, जिनमें अधिकांश खाते गुजरात और राजस्थान के हैं। साइबर पुलिस ने...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। शिक्षक और व्यवसायी से 67 लाख रुपये की ठगी में साइबर शातिरों ने 17 मोबाइल नंबर और सात बैंक खातों का इस्तेमाल किया है। इनमें ज्यादातर खाते गुजरात और राजस्थान के बैंक के हैं। पीड़ितों ने साइबर पुलिस को पूरा ब्योरा मुहैया कराया। इसके बावजूद अब तक साइबर पुलिस एफआईआर से आगे नहीं बढ़ी है। हालांकि, मोबाइल और बैंक खातों से साइबर शातिरों की पहचान काफी आसान है। यदि फर्जी नाम-पते पर खाते खोले गए हैं तो इसमें बैंक कर्मियों की भूमिका को स्थापित किया जा सकता है। हालत यह है कि तीन माह में साइबर पुलिस ने ठगी के बड़े मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं की है और न ठगी के शिकार लोगों को रुपये वापस दिलवा पाई है।
आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी संजय कुमार और तिरहुत रेंज के डीआईजी चंदन कुशवाहा ने अलग-अलग लगातार दो दिन तक साइबर थाने के मामलों की समीक्षा की। इसमें दूसरे राज्यों के साइबर शातिरों की गिरफ्तारी और मामलों की छानबीन को टीम भेजने का निर्देश दिया, पर अब तक टीम भी नहीं बनी है। कुढ़नी के खरौना स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक दीपांशु कुमार ने बीते 26 अप्रैल को साइबर थाने में 17.35 लाख रुपये की ठगी की एफआईआर कराई थी। पुलिस को बताया कि उनसे साइबर शातिरों ने पांच मोबाइल नंबर और राजस्थान व गुजरात स्थित बैंकों के तीन खाते व तीन यूपीआई आईडी पर रुपये मंगाए। इसमें राजस्थान के गंगानगर धनमंडी रायसिंह नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में ओमप्रकाश के खाते पर पांच लाख, राजस्थान के चितौड़गढ़ स्थित सिटी यूनियन बैंक शाखा में अजमत खान पठान के खाते में पांच लाख और गुजरात के भुज स्थित सिटी यूनियन बैंक शाखा के विकास कुमार के खाते में पांच लाख रुपये मंगाए गए। इसके अलावा 2.35 लाख रुपये किरण कंवर, रोहित सिंह और सोनू बैरवा के यूपीआई आईडी पर लिए गए। मिठनपुरा थाना के तीनकोठिया निवासी व्यवसायी अब्दुल बाकी साबरी ने साइबर थाने में बीते 16 मई को 50.49 लाख रुपये की ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया है कि उनसे ठगी के लिए 12 मोबाइल नंबर और चार बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया है। पांच लाख निवेश पर 100% बोनस का झांसा देकर की ठगी : व्हाट्सएप पर घर बैठे बेहतर कमाई का मैसेज देख शिक्षक दीपांशु कुमार साइबर ठगों के जाल में फंस गए। आगे की प्रक्रिया शुरू करने पर उन्हें अलग-अलग तरीके से समझाया गया कि निवेश पर बेहतर कमाई होगी। ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें 700 रुपये मिले। इसके बाद 10 हजार के निवेश पर 15 हजार, 31 हजार निवेश पर 42 हजार और 50 हजार पर 70 हजार रुपये मिले। जिस दिन निवेश किया उसी दिन इतना मुनाफा देखकर दीपांशु ने धीरे-धीरे 17.35 लाख रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन, इन निवेश पर रुपये नहीं मिले। हालांकि, इन्हें बताया जा रहा था कि एक लाख के निवेश पर 20%, दो लाख पर 40% और पांच लाख के निवेश पर 100% बोनस मिलेगा। 17 लाख के निवेश पर इन्हें 33 लाख रुपये बैलेंस बताया गया। राशि पाने के लिए 16 लाख और मांगे गए, तब ठगी का अहसास हुआ। इसी तरह अब्दुल बाकी साबरी को भी हर निवेश पर बेहतर रिटर्न का झांसा देकर ठगी की गई। बयान : साइबर ठगी के अधिकतर बड़े मामलों का जुड़ाव दूसरे राज्यों से है। शीघ्र ही दूसरे राज्यों में छानबीन और आरोपितों के सत्यापन व गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी जाएगी। - सुशील कुमार, एसएसपी
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