बदलते मौसम ने शाही लीची की मिठास पर डाला असर
मुजफ्फरपुर में मौसम में बदलाव के कारण शाही लीची की मिठास आने में देरी हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सही तापमान नहीं मिलने से लीची में मिठास का विकास प्रभावित हुआ है। बंगाल की चाइना लीची की...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बार-बार मौसम बदलने से शाही लीची में जो मिठास होनी चाहिए थी, उसमें देर हो रही है। लीची अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक ने कहा कि शाही लीची तैयार होने में इसबार दस दिन तक देर हुई है। लीची को सही मिठास के लिए धूप की जरूरत पड़ती है। रूक रूक कर बारिश हो जा रही है, नतीजतन मिठास आने में विलंब हो रहा है। महानगरों की मंडियों में इस समय बंगाल और बिहार की लीची में प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। मंडियों में इस समय बंगाल से चाइना लीची पहुंच रही है, जबकि बिहार से शाही लीची जा रही है।
सही तापमान नहीं मिलने से मिठास पर असर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी के वैज्ञानिक डॉ.अंकित कुमार ने बताया कि औसतन शाही लीची में 20 मई तक पूरी तरह से मिठास आ जानी चाहिए, लेकिन इसबार ऐसा नहीं हो पाया है। इस महीने में लीची को जितना तापमान चाहिए था, उतना नहीं मिल पा रहा है। बारिश होते रहने से मिठास प्रभावित हुआ है। कुछ वेराइटी की लीची में पूरी तरह से मिठास आ गई है। कुछ में अभी भी खटास बना हुआ है। वैसे दो से तीन दिनों में मिठास पूरी तरह से आ जाने की उम्मीद है। बंगाल की चाइना से बिहार की शाही 500 रुपये महंगी मीनापुर के लीची व्यापारी सुबोध कुमार ने बताया कि इस समय बिहार में शाही लीची और बंगाल में चाइना का सीजन चल रहा है। दोनों लीची के स्वाद में अंतर है। बंगाल से अधिक मुजफ्फरपुर की शाही लीची को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में इस समय प्रतिदिन का भाव अलग-अलग रह रहा है। इसमें बंगाल की चाइना लीची की तुलना में पांच सौ रुपये प्रति पेटी शाही लीची की कीमत अधिक है। क्योंकि, मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद बंगाल की चाइना लीची के स्वाद से अच्छी है।
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