डेंगू के मरीजों में खून बनना हो रहा बंद
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में डेंगू मरीजों पर किए गए अध्ययन में खून बनना बंद होने की समस्या सामने आई है। इससे बोन मैरो पर दबाव बढ़ रहा है, जिसके कारण प्लेटलेट, हीमोग्लोबिन और डब्ल्यूबीसी का स्तर गिर...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। डेंगू के मरीजों में खून बनना बंद होने की स्थिति सामने आ रही है। एसकेएमसीएच के मेडिसिन विभाग में अध्ययन में यह चिंताजनक बात सामने आई है। अध्ययन में पाया गया कि खून बनना बंद होने से मरीजों के बोन मैरो पर दबाव बढ़ रहा है। इससे डेंगू मरीजों में प्लेटलेट के अलावा हीमोग्लोबिन और डब्ल्यूबीसी का स्तर भी कम हो जा रहा है। मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित कुमार और पीजी छात्रा डॉ. जया प्रधान ने डेंगू के 200 मरीजों पर यह अध्ययन किया है। एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों के रक्त के नमूने लेकर अध्ययन किया गया।
डॉ. अमित ने बताया कि अध्ययन में डेंगू के मरीजों में बोन मैरो पर दबाव बढ़ता पाया गया। इससे मरीजों में हीमोग्लोबिन आठ से नौ प्वाइंट तक पहुंच जा रहा है। इसके अलावा, डब्ल्यूबीसी चार हजार से घटकर दो हजार तक पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग से लेकर युवा तक में यह परेशानी सामने आ रही है। कुछ लोगों में समस्या नहीं हो रही ठीक डॉ. अमित ने बताया कि ज्यादातर मरीजों में यह परेशानी आठ से दस दिन में ठीक हो जा रही है। लेकिन, कुछ मरीजों में यह ठीक हो रही है। इससे इनमें बार-बार हीमोग्लोबिन घटने का खतरा बना रहता है। हालांकि, ठीक नहीं होने वालों की संख्या कम है। डॉ. अमित के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया कि जिन बुजुर्गों में यह कठिनाई दिखी, उन्हें ठीक होने के बाद कुछ समय तक कमजोरी रही। उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट का गिरने की बात आती है, लेकिन बोन मैरो पर दबाव पड़ना नई बात है। पिछले वर्ष डेंगू के मिले थे 395 मरीज जिले में पिछले वर्ष डेंगू के 395 मरीज मिले थे। हालांकि, एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मुशहरी प्रखंड में मिले थे। मुशहरी को डेंगू का हॉट स्पाट माना गया था। राज्य मलेरिया विभाग की टीम ने भी मुजफ्फरपर का दौरा किया था। टीम को मुशहरी में डेंगू मच्छर मिले थे।
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