अपडेट- सूबे के विश्वविद्यालयों में सिलेबस पूरा होने पर ही होंगी परीक्षाएं
एक्सक्लूसिव: -उच्च शिक्षा निदेशालय एकेडमिक एक्सीलेंस के तहत बना रहा प्रस्ताव -विश्वविद्यालयों में स्नातक से

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सूबे के विश्वविद्यालयों में सिलेबस पूरा होने पर ही स्नातक और पीजी की परीक्षाएं होंगी। उच्च शिक्षा निदेशालय इसकी तैयारी कर रहा है। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. एनके अग्रवाल ने बताया कि विवि में परीक्षा और कक्षा के संबंध में जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों के साथ बैठक की जाएगी विश्वविद्यालयों में एकेडमिक एक्सीलेंस के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे उन्होंने कहा हमारी कोशिश है कि सिलेबस पूरा हो और परीक्षाएं समय पर ली जाएं ताकि विद्यार्थियों को सिलेबस का पूरा ज्ञान हो सके। अधूरे सिलेबस पर देते हैं पूरी परीक्षा बीआरएबीयू समेत राज्य के कई विश्वविद्यालयों में अधूरे सिलेबस पर ही परीक्षाएं ली जा रही हैं।
बीआरएबीयू में हाल में ही पीजी प्रथम सेमेस्टर सत्र 2024-26 का परीक्षा फार्म भरने की तारीख जारी कर दी गई, जबकि प्रथम सेमेस्टर की कक्षा 16 अप्रैल से शुरू ही हुई है। छात्रों के विरोध के बाद फार्म भराना रोका गया। बीआरएबीयू में पीजी के अलावा स्नातक तीसरे सेमेस्टर सत्र 2023-27 की परीक्षा छात्रों ने ढाई महीने में ही दे दी। पीजी थर्ड सेमेस्टर सत्र 2023-25 में छात्रों ने सिर्फ डेढ़ महीने कक्षा की। उसके बाद परीक्षा की तारीख आ गई, जबकि एक सेमेस्टर छह महीने का होता है। ट्यूटोरियल कक्षा कराने की योजना समेत सभी विश्वविद्यालयों में ट्यूटोरियल क्लास कराए जाने की भी योजना बन रही है। ट्यूटोरियल कक्षाएं सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में शुरू की जाएगी ताकि पढ़ाई में विद्यार्थियों की दिक्कत का समाधान किया जा सके। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. अग्रवाल ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों से बात की जायेगी कि उनके यहां पढ़ाई को लेकर क्या कठिनाई है। विवि में विद्यार्थियों की उपस्थिति, नामांकन, आधारभूत संरचना और शिक्षकों की स्थिति पर भी सभी विवि से बात की जाएगी। बीआरएबीयू में क्रैश कोर्स चलाने का प्रस्ताव सिलेबस पूरा करने के लिए कॉलेजों और पीजी विभागों में क्रैश कोर्स चलाने का प्रस्ताव है। डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि कैश कोर्स से बचा सिलेबस पूरा कर लिया जाएगा। सभी कॉलेजों और पीजी विभागों में क्रैश कोर्स चलाया जाएगा छात्रों को परीक्षा से पहले रीविजन भी कराया जाएगा। 25 छात्रों पर एक शिक्षक का मानक नहीं हो रहा पूरा बिहार के विश्वविद्यालयों में 25 छात्रों पर एक शिक्षक के अनुपात का मानक पूरा नहीं हो रहा है। यूजीसी का निर्देश है कि प्रति 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए। बीआरएबीयू में पांच लाख विद्यार्थी का नामांकन है। इन्हें पढ़ाने के लिए 837 नियमित और 375 अतिथि शिक्षक हैं। ललित नारायण मिथिला विवि में 875 नियमित और 687 अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। मिथिला विवि में चार लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। सिलेबस पूरा होने में समस्याएं -छात्र के अनुपात में शिक्षकों की कमी -सत्र नियमित करने के लिए जल्दी परीक्षा -एक सेमेस्टर भी पूरी नहीं हो रही पढ़ाई -कई कॉलेजों में एक भी शिक्षक नहीं
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