Mismanagement in CRC Level Sports Competition in Muzaffarpur सीआरसी स्तर पर हुई प्रतियोगिता की सूची में बड़ी गड़बड़ी, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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सीआरसी स्तर पर हुई प्रतियोगिता की सूची में बड़ी गड़बड़ी

मुजफ्फरपुर में सीआरसी स्तर की प्रतियोगिता में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। स्कूलों ने बच्चों का रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। कई जिलों से मिली जानकारी में गड़बड़ी पाई गई है। इसके चलते विभाग ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 22 May 2025 10:11 PM
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सीआरसी स्तर पर हुई प्रतियोगिता की सूची में बड़ी गड़बड़ी

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मशाल के तहत सीआरसी (कंप्लेक्स रिसोर्स सेंटर) स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों से मिली लिस्ट में बड़ी गड़बड़ी मिली है। विभाग को किसी भी जिले से सीआरसी में शामिल होने वाले बच्चों की जानकारी नहीं मिली। सभी स्कूलों को मशाल के लिए बनाए गए खेल विभाग के पोर्टल पर सीआरसी स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होने वाले बच्चों का रिकार्ड देना था मगर अधिकांश जिलों से यह नहीं दिया गया। कुछ जिलों से मिला भी तो उसमें कई तरह की गड़बड़ी मिली है। ऐसे में 22 मई से आयोजित प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर के विजेता खिलाड़ी को ही शामिल कराने का निर्देश विभाग की ओर से दे दिया गया।

चयनित खिलाड़ियों की जानकारी नहीं मिलने के कारण सभी जिलों से जवाब मांगा गया है। सुविधा न संसाधन, कैसे करते रिपोर्ट अपलोड स्कूल प्रभारियों ने कहा कि पोर्टल पर बिना सुविधा, संसाधन के कैसे अपलोड करते। बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना था मगर स्कूलों में कम्यूटर शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में रजिस्ट्रेशन कैसे होता। सभी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक भी नहीं हैं। सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण भी नहीं मिला। मोबाइल से कैसे बच्चों का रजिस्ट्रेशन होता। इसके अलावा मापने वाली मेजरमेंट टेप, वजन नापने वाली मशीन नहीं थी। ऐसे में बैट्री टेस्ट को लेकर रिपोर्ट भी गड़बड़ ही गई। बच्चों की दौड़ से लेकर वजन तक गलत ही रिपोर्ट भरी गई। स्कूल प्रभारियों ने कहा कि जनवरी-फरवरी में ही बैट्री टेस्ट हुआ। इसके बाद स्कूल स्तर पर प्रतियोगिता हुई। इसके बाद वार्षिक परीक्षा हुई। इसमें बच्चे अगली कक्षा में चले गए। सभी स्कूलों को अपने यहां के बच्चों का पुरानी कक्षा को डिलिट करने को कहा गया मगर ऐसा नहीं हो सका। अधिकांश स्कूल पासवर्ड ही भूल गए। आठवीं वाले बच्चे मिडिल स्कूल से हाईस्कूल में चले गए। पुराने स्कूल से बच्चों का डाटा डिलिट नहीं हुआ और नए स्कूल में खिलाड़ियों का नाम नहीं जुड़ सका।

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