शहरी इलाके में रख-रखाव के बगैर बूढ़े हो रहे हैं पेड़, हल्की आंधी-बारिश में हो रहे धराशायी
खलारी-कोयलांचल क्षेत्र में पेड़ रख-रखाव के अभाव में बूढ़े हो रहे हैं। हल्की आंधी-बारिश में पेड़ गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं, खासकर जब चारों ओर पक्कीकरण किया गया है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को...

खलारी, संवाददाता। खलारी- कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में रख-रखाव के अभाव में बूढ़े हो रहे हैं अधिकतर पेड़, हल्की आंधी- बारिश में भी धराशायी होते नजर आ रहे हैं। खलारी- कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ के चारों ओर पक्का का निर्माण करना पेड़ गिरने का मुख्य कारण बनता जा रहा है, क्योंकि पेड़ के चारों ओर पक्कीकरण करने से उनके जल स्रोत और प्राकृतिक पोषण दोनों पर खतरा बन जाता है, जिसके कारण हल्की आंधी और बारिश में पेड़ धराशायी हो जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण है पिछले दो दिनों में आंधी- बारिश में खलारी- कोयलांचल क्षेत्र में पक्की सड़क के किनारे खड़े पेड़ और चबुतरा के बीच में खड़े पेड़ का काफी संख्या में धराशायी होना है।
खलारी के सार्वजनिक स्थल पर पेड़ के नीचे बनाया जाता है चबुतरा खलारी- कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्थल पर पीपल के पेड़, बरगद के पेड़ और महुआ के पेड़ के नीचे लोगों के द्वारा चबूतरा का निर्माण कराया जाता है, जिससे लोग गर्मी के दिनों में पेड़ की छांव में चबूतरा पर बैठकर सामाजिक कार्य कर सकें। सड़कों के किनारे खड़े पेड़ के नीचे भी सड़क बनाने के दौरान पक्कीकरण कर दिया जाता है, जिससे पेड़ कमजोर होते चले जाते हैं, आंधी- बारिश से गिर जाते हैं। पेड़ों के रख-रखाव पर कोई नहीं देता ध्यान: खलारी- कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सड़क के किनारे बड़े-बड़े पेड़ों के रख-रखाव पर किसी के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण आंधी- बारिश में अधिकांश सड़क के किनारे पेड़ ही गिरकर धराशाई हो जाते हैं, घंटों आवागमन ठप हो जाता है। क्या कहते हैं लोग खलारी- कोयलांचल क्षेत्र के लोगों का कहना है कि खलारी- कोयलांचल क्षेत्र में पेड़ों के रख-रखाव पर वन विभाग की टीम को ध्यान देने की जरुरत है, इसके साथ ही सभी व्यक्तियों को भी पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे बढ़कर पेड़ों की रख-रखाव पर ध्यान देना चाहिए।
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