60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की होगी टीबी जांच
मुजफ्फरपुर सहित बिहार के सभी जिलों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की टीबी की नियमित जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि यह जांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर होगी। आशा कार्यकर्ता लोगों को...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मुजफ्फरपुर सहित सूबे के सभी जिलों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की नियमित टीबी की जांच होगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है। यह जांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर होगी। जांच के लिए सीएचओ को जिम्मेदारी दी गई है।
टीबी उन्मूलन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर यह पहल शुरू की जा रही है। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सीके दास का कहना है कि इस अभियान से टीबी के मरीज सामने आएंगे। मुजफ्फरपुर जिले में अभी दस हजार टीबी के मरीजों का इलाज चल रहा है।
आशा कार्यकर्ता लोगों को लायेंगी वेलनेस सेंटर :
आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीबी की जांच कराने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लेकर आएंगी। यहां कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) और एएनएम उनकी जांच करेंगी। टीबी रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद मरीज को इलाज के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल भेजा जाएगा। इस जांच के बाद आशा कार्यकर्ताओं को निक्षय पोर्टल पर यह अपडेट करना होगा कि कितने मरीजों की जांच हुई और कितनी की रिपोर्ट पॉजीटिव मिली।
वर्ष 2025 में करना है टीबी का उन्मूलन :
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2025 को टीबी उन्मूलन का वर्ष घोषित किया है। इस वर्ष टीबी के उन्मूलन के लिए अधिक से अधिक टीबी के मरीजों को चिह्नित करना है। इसके तहत बीते दिनों टीबी के मरीजों को खोजने के लिए 31 मार्च तक 100 दिन का विशेष अभियान पूरे राज्य में चलाया गया था। विभाग का कहना है कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी मरीजों की जांच होने से जो मरीज सामने नहीं आ पाते हैं वे भी चिह्नित हो सकेंगे।
टीबी रोगियों की हर 15 दिन पर तैयार होगी रिपोर्ट :
राज्य में टीबी रोगियों की हर 15 दिन पर रिपोर्ट तैयार होगी। इसका निर्देश भी राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दिया है। सीएचओ अपने क्षेत्र में टीबी रोगियों की सेहत की रिपोर्ट तैयार कर उसे जिला मुख्यालय भेजेंगे। आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वह हर हफ्ते अपने-अपने क्षेत्र में जाकर टीबी रोगियों का हाल जानकर उसका ब्योरा तैयार करेंगी। इस ब्योरे में टीबी रोगियों से कितने लोग संपर्क में आए इसकी भी रिपोर्ट तैयार करेंगी। इसके साथ ही परिवार में तो किसी को संक्रमण नहीं है इसका ब्योरा भी लिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं की भी प्रसव पूर्व टीबी की जांच विशेष तौर पर की जाएगी।
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