Water Crisis in Schools of Muzaffarpur Children Suffer from Dehydration स्कूलों में प्यास से सूख रहे बच्चों के हलक, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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स्कूलों में प्यास से सूख रहे बच्चों के हलक

मुजफ्फरपुर के स्कूलों में चापाकल सूख गए हैं, जिससे बच्चों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई स्कूलों में सबमर्सिबल भी चार महीने बाद चालू नहीं हो पाया है। गर्मी के कारण स्थिति गंभीर हो गई है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 8 April 2025 08:45 PM
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स्कूलों में प्यास से सूख रहे बच्चों के हलक

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। स्कूलों में लगे चापाकल सूख गये हैं, नतीजतन प्यास से बच्चों के हलक सूख रहे हैं। जिले के दर्जनों स्कूलों में यह स्थिति है। इस भीषण गर्मी में बच्चे पानी के लिए तरस रहे हैं। यह हाल उन स्कूलों का है, जहां सबमर्सिबल भी लगा हुआ है।

कहीं सबमर्सिबल चार महीने बाद भी चालू नहीं हो पाया तो कहीं बिजली के कारण सबमर्सिबल नहीं चल पा रहा है। कई स्कूलों में दो-दो चापकल लगे हैं, लेकिन दोनों सूख चुके हैं। कहीं पानी की जगह चापाकल से बालू निकल रहा है। गायघाट, पारू समेत विभिन्न प्रखंडों के दर्जनों स्कूल में यह स्थिति है।

मंगलवार को पीने के पानी के संकट के कारण कई स्कूलों में त्राहिमाम की स्थिति रही। पानी की कमी के कारण स्कूलों में मध्याह्न भोजन तक प्रभावित हो रहे हैं।

सबमर्सिबल लगा मगर आज तक चालू नहीं हुआ:

प्रा.वि. चतुरपट्टी में सबमर्सिबल लगा है मगर चार महीने बाद भी चालू नहीं हो सका है। अलग-अलग प्रखंडों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां सबमर्सिबल को सिर्फ इन्स्टॉल कर दिया गया है। पारू के प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर सिमरा में भी सबमर्सिबल लगा तो है मगर चालू नहीं है। उत्क्रमित म.वि. गंगोई में चार महीने पहले लगा समरसेबल खराब हो चुका है। उत्क्रमित म.वि. मोती छपरा में दो चापाकल और एक सबमर्सिबल है। इसमें दो में एक चापाकल और सबमर्सिबल भी खराब है। चापाकल ठीक करने को जब पीएचईडी को लिखा गया तो कहा गया कि पीएचईडी से पांच साल का ही समय रहता है। पांच साल के बाद विभाग की जवाबदेही नहीं रहती है।

बच्चों ने खाना खा लिया और पानी के लिए तरसते रहे

गायघाट के मिडिल स्कूल कमरथु में मंगलवार को बच्चों ने खाना तो खा लिया मगर पीने के पानी के लिए तरसते रहे। स्कूल में लाइट नहीं होने के कारण सबमर्सिबल बंद था। दोनों चापाकल खराब हैं। ऐसे में बच्चों के खाए बर्तन तक जूठे ही रहे। इधर, मध्याह्न भोजन निदेशक ने पानी मुहैया कराने का सभी जिलों को निर्देश दिया है।

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