Severe Water Crisis in Madhubani Over 300 Families Struggle for Water Supply जल संकट झेल रहे 300 परिवार शौचालय,राशन व आवास भी नहीं, Madhubani Hindi News - Hindustan
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जल संकट झेल रहे 300 परिवार शौचालय,राशन व आवास भी नहीं

मधुबनी के वार्ड 11 और 27 में कोसी कॉलोनी, मुस्लिम मोहल्ला और डीह मोहल्ला के लगभग 300 परिवार पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं। महिलाएं सुबह से रात तक पानी लाने में लगी रहती हैं। पानी टैक्स लिया जा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीFri, 11 April 2025 05:17 PM
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जल संकट झेल रहे 300 परिवार शौचालय,राशन व आवास भी नहीं

 

मधुबनी। नगर निगम के वार्ड 11 व 27 सप्ता के अंतर्गत आने वाली कोसी कॉलोनी, मुस्लिम मोहल्ला और डीह मोहल्ला के लगभग 300 परिवार पानी की भीषण समस्या से परेशान हैं। यहां के हालात इतने बदतर हैं कि महिलाएं सुबह से देर रात तक सिर्फ पानी के जुगाड़ में लगी रहती हैं। मो. इस्लाम, मो. इतवारी और मो. नाजिम राजा बताते हैं कि बोर्डिंग और पाइपलाइन बिछाने के बावजूद एक बूंद पानी नसीब नहीं हो रहा है। मोहल्ले के हर परिवार को पानी टैक्स के लिए 50 रुपए की रसीद थमायी जा रही है, लेकिन नल सूखे पड़े हैं। यहां पर पाइप क्षतिग्रस्त हैं। मोटर जल जाता है तो लोगों से पैसा लिया जाता है लेकिन वह एक सप्ताह भी नहीं चलता है। मरम्मत के लिए नियुक्त एजेंसी मनमानी करती है। स्थानीय निवासी बी. लाल, सदरे आलम, मो. अली, मो. अरबाज और रिजवाना खातून कहते हैं कि शहर के इस हिस्से की हालत देहात से भी बदतर है। मुख्य सड़क से जुड़ा होने के बावजूद यहां न शौचालय है, न ही आवास योजना का लाभ मिला है। राशन कार्ड और पेंशन सुविधाओं का लाभ भी यहां के लोगों तक नहीं पहुंचा है। लाडली तबस्सुम, जुबैदा खातून और शबरून खातून बताती हैं कि उन्हें निजी नल से किसी तरह पानी लाकर कामकाज करना पड़ रहा है। सुबह से ही दिन का संघर्ष शुरू होता है और देर रात खत्म होता है। अफसाना खातून, शाहाना खातून और रिजवाना खातून कहती हैं कि निगम की उपेक्षा से मोहल्ले के लोग परेशान हैं। वार्ड पार्षद स्वाति कुमारी ने बताया कि समस्याओं को लेकर निगम में आवेदन देते-देते थक गये हैं। अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं।

वोट लेने तक ही मोहल्ले से नेताओं का वास्ता: मो. अरबाज ने बताया कि नेता लोग केवल यहां पर वोट लेने के लिए आते हैं। रिजवाना खातून, संविदा खातून, नजना, अफसाना परवीन, मेहरून खातून, मो. हसन और मो. मुर्तुजा, मो. आले, सदरे आजम, जुबैदा खातून व अन्य ने बताया कि उन्होंने वार्ड पार्षद से लेकर नगर निगम के अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाई लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। पानी की समस्या गंभीर है। रिजवाना खातून ने कहा कि आरके कॉलेज से कोसी कॉलोनी तक कहीं भी सार्वजनिक नल नहीं है। महाजन और कर्ज लेकर लोग बोर्डिंग लगवा भी लें, तो भी पानी कहां निकलेगा, समस्या बनी हुई है। मोहल्ले में नाला है नहीं। घर से निकलने वाले पानी को लेकर भी मोहल्ले में प्रतिदिन लोगों के बीच आपस में तनाव पैदा हो जाता है।

एजेंसी नहीं कर रही मरम्मत का काम: लागों की शिकायत है कि निगम केवल खानापर्ति के लिए हर काम के लिए एजेंसी को नियुक्त कर दे रहा है। जबकि एजेंसी केवल मनमानी करती है। गरीब, असहाय व जरूरतमंदों के लिए काम करने के बजाए, अवैध राशि की उगाही में लगा रहता है। यहां के लोगों ने एजेंसी के द्वारा किये गये कार्यो की जांच कराने की मांग की है।

सुबह से रात तक पानी के लिए जद्दोजहद : महिलाएं सुबह से रात तक सिर्फ पानी लाने में ही जुटी रहती हैं। कहीं से थोड़ा पानी मिल जाए तो दिन कटता है, वरना पूरे दिन की भागदौड़ बेकार जाती है। यहां की महिलाओं की आंखों में थकावट साफ दिखती है। वह कहती हैं, घर में लाेग बीमार पड़े हैं लेकिन, उसे घर छोड़कर रोज पानी के लिए लाइन में लगनी होती है। अगर एक बाल्टी पानी न मिला तो खाना नहीं बनता, दवा तक नहीं दे सकते। मोहल्ले की हर गली की कमोबेस यही स्थिति है, जहां महिलाएं परिवार की देखभाल छोड़कर पानी के लिए दर-दर भटक रही हैं। शबरून खातून और रिजवाना खातून बताती हैं कि गर्मी में बच्चों का हाल बेहाल है, लेकिन नहाना तो दूर पीने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा। इस बस्ती में एक बाल्टी पानी भी अब 'संघर्ष' बन चुकी है।

सरकारी योजनाएं कागजों में

स्थानीय निवासी बी. लाल, सदरे आलम, मोहम्मद अली और रिजवाना खातून ने बताया कि बस्ती की हालत देहात से भी खराब है। राशन कार्ड, पेंशन, आवास योजना जैसी योजनाओं से यहां के लोग वंचित हैं। यहां शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है और न ही नाले का निर्माण हुआ है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को यहां की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। कई बार कहा जा चुका है।

सब काम छोड़ करते हैं पानी का इंतजाम

लाडली तबस्सुम, जुबैदा खातून, कैलोरी खातून, शबरून खातून और अफसाना खातून समेत मोहल्ले की दर्जनों महिलाओं का कहना है कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई और खान-पान छोड़कर सिर्फ पानी के पीछे दौड़ती रहती हैं। वहीं शाहाना खातून ने कहा कि बीमार पति को छोड़कर पानी के लिए लाइन में लगना पड़ता है। गर्मी के दिन आ गए हैं। अगर स्थिति में सुधान नहीं हुई तो परेशानी और बढ़ेगी। निगम प्रशासन से आग्रह है कि तत्काल जल टैंकर की सुविधा बहाल की जाए।

 

इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र काम शुरू होगा। जल संकट को दूर करने के लिए योजना बनाई जा रही है। कुछ तकनीकी कारणों से पानी की आपूर्ति बाधित है, पाइपलाइन की जांच कराई जा रही है। सर्वे का काम पूरा हो गया है। एजेंसी को काम का दायित्व दिया गया है। शीघ्र ही मोहल्ले में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। नाला व अन्य काम कराये जायेंगे।

-राजमणि कुमार, सिटी मैनेजर,नगर निगम

यह बस्ती पूरी तरह उपेक्षित है। जल संकट के साथ यहां के लोग राशन, आवास, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। यहां के सभी लोग पिछले दो वर्षों से निगम के दरवाजे खटखटा रहे हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। इससे महिलाओं और बच्चों की स्थिति सबसे खराब है।

-रिजवाना खातून, महिला समूह नेतृत्वकर्ता

 

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