लोन का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी मामले में दो धराये
नवादा की साइबर पुलिस ने फायनेंस कम्पनियों के नाम पर झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपितों को पकड़ा। तकनीकी सर्विलांस से भंडाजोर गांव में छापेमारी की गई, जहां से मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद...

नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। साइबर पुलिस ने फायनेंस कम्पनियों के नाम पर झांसा देकर विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं से लाखों की ऑनलाइन ठगी मामले में दो आरोपितों को धर दबोचा। तकनीकी सर्विलांस व मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से छापेमारी कर एसआईटी ने दोनों को रोह थाना क्षेत्र के भंडाजोर गांव से दबोच लिया। इनके पास से चार मोबाइल बरामद की गयी है। जिसमें उपभोक्ताओं से ठगी और फायनेंस कम्पनियों से जुड़े कई फर्जी दस्तावेज पाये गये हैं। पकड़े गये आरोपितों में एक विधि विरुद्ध बालक है। जिसे निरुद्ध कर कोर्ट भेजा गया। जहां से उसे किशोर न्यायालय भेज दिया गया। वहीं गिरफ्तार आरोपित रंजीत कुमार रोह थाना क्षेत्र के भंडाजोर गांव के श्रीकांत सिंह का बेटा बताया जाता है।
उसे शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। छापेमारी टीम का नेतृत्व साइबर थाने की सीनियर डीएसपी प्रिया ज्योति ने किया। प्रतिबिम्ब पोर्टल पर मिले नंबर साइबर पुलिस के मुताबिक आरोपितों के नंबर गृह मंत्रालय के प्रतिबिंब पोर्टल पर उपलब्ध कराये गये थे। इसके आधार पर मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग कर उनका लोकेशन पता लगाया गया और इसके आधार पर छापेमारी की गयी। आरोपितों के पास से जब्त की गयी मोबाइल में से दो मोबाइल नंबरों की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज है। इन पर फायनेंस कम्पनियों से लोन दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी करने के आरोप हैं। इस मामले में साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। 02 अप्रैल को दर्ज साइबर थाना कांड संख्या- 59/25 में धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत आरोप लगाये गये हैं। मेटा एप से चुरा रहे थे डेटा बताया जाता है कि आरोपितों द्वारा विभिन्न छद्म नामों से सोशल साइट पर विज्ञापन दिया जाता था। जिसमें सस्ते दर पर तुरंत लोन दिलाने का प्रलोभन शामिल था। कई उपभोक्ताओं को उनके नंबरों पर कॉल पर मैसेज भेज कर उनसे संपर्क किया जाता था। उपभोक्ताओं का डेटा आरोपितों द्वारा मेटा एप से चुराया जाता था। जाल में फंस जाने के बाद आरोपित उनसे उनका आधार नंबर, पैन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर व फोटो मांगते थे। इसके बाद प्रोसेसिंग फी के नाम पर ठगी की शुरूआत चार-पांच हजार से की जाती थी। बाद में ये रकम लाखों में पहुंच जाती थी। एसआईटी की गयी थी गठित मामले की जांच के लिए साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी में इंस्पेक्टर विजय कुमार, एसआई रूपेश कुमार, एसआई नेहा कुमारी, पीटीसी नितेश कुमार, सिपाही श्यामदेव मंडल, नीतीश कुमार, चुनचुन कुमारी, महिला सिपाही प्रियंका कुमारी, चालक सिपाही अनुज कुमार व स्वॉट की टीम शामिल थी। वर्जन आरोपितों के दो मोबाइल नंबरों की शिकायत एनसीआरपी पर पूर्व से दर्ज है। इनके मोबाइल से कई साक्ष्य बरामद किये गये हैं। ये लोगों को लोन का प्रलोभन देकर उनके ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। ----------- प्रिया ज्योति, डीएसपी सह थानाध्यक्ष, साइबर थाना नवादा।
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