Urgent Notice to Vacate Shops Sparks Panic Among 80 Vendors in Nawada नगर परिषद की दुकानों को खाली करने का नोटिस, मचा हड़कम्प, Nawada Hindi News - Hindustan
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नगर परिषद की दुकानों को खाली करने का नोटिस, मचा हड़कम्प

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद की दुकानों को खाली करने के नोटिस से दुकानदारों में हड़कम्प है। शहर के व्यस्ततम पुरानी कचहरी रोड स्थित एसडीओ कार्यालय के आसपास की कुल 80 दुकानदारों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSat, 24 May 2025 01:17 PM
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नगर परिषद की दुकानों को खाली करने का नोटिस, मचा हड़कम्प

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद की दुकानों को खाली करने के नोटिस से दुकानदारों में हड़कम्प है। शहर के व्यस्ततम पुरानी कचहरी रोड स्थित एसडीओ कार्यालय के आसपास की कुल 80 दुकानदारों की आजीविका इस नोटिस से छिन जाने का खतरा मंडराने लगा है। अचानक से निराशा में डूब गए सभी दुकानदारों के समक्ष जीवन-मरण का प्रश्न उठ खड़ा हुआ है। हर तरफ से निराश हो चुके दुकानदारों ने नगर परिषद की मुख्य पार्षद को आवेदन देकर उनके हित में बेहतर कदम उठाने की मांग की है। लोगों ने सुझाव दिया है कि उनकी दुकानों का रिन्युअल कराने की पहल हो, ताकि किसी के समक्ष भूखे मरने की नौबत न आए।

हालांकि दुकानदार विस्थापन की स्थिति में पुनर्वास की मांग भी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, इन कुल 80 दुकानों का लीज महज 15 साल के लिए वर्ष 2003 में किया गया था। नगर परिषद कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इस परिस्थिति में 15 साल बाद यानी 2018 में ही इन दुकानों का लीज खत्म हो चुका है। ऐसे में विगत छह वर्षों से इन दुकानों का किराया भी नगर परिषद में जमा नहीं हो पा रहा है यानी नियमानुसार नगर परिषद द्वारा किराया लिया ही नहीं जा रहा है क्योंकि कायदे से अब इसका लीज खत्म हो चुका है। कानूनी प्रक्रिया के तहत इन दुकानों को खाली करना ही एकमात्र विकल्प बचता है। जानकारी दी गयी कि दुकानें खाली कराने के बाद नए सिरे से फिर से टेंडर यानी डाक की प्रक्रिया करानी होती है। डाक की प्रक्रिया के बाद जिनके नाम से दुकानें आवंटित हों, उन्हें दुकानें खोलने का कानूनी अधिकार मिल जाता है। कानूनी प्रक्रिया के तहत चूंकि इन 80 दुकानों का रिन्यूअल नहीं हो सका है और इस कारण इन दुकानों का किराया भी जमा नहीं हो पा रहा है तो नगर परिषद दुकानें खाली कराने का अधिकार रखता है। इसी के तहत सभी 80 दुकानदारों को विगत 16 मई को दुकानें खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। ---------------------------- दुकानदारों ने आवेदन देकर उठायी है समुचित सहयोग की मांग सभी 80 संबंधित दुकानदारों ने नगर परिषद की मुख्य पार्षद को इस संबंध में आवेदन दे कर कहा है कि हमलोग पुरानी कचहरी रोड नवादा के छोटी गुमटी के दुकानदार हैं। हमलोग अपनी दुकान का किराया प्रत्येक माह देने के लिये नगर परिषद कार्यालय में जाते हैं, लेकिन नगर परिषद द्वारा हमलोगों से किराया नही लिया जाता है। अब एकाएक 16 मई को दुकान खाली करने का नोटिस दे दिया गया है। जब हमलोगों के दुकान के सामने की नगर परिषद का दुकानों का समयावधि पूर्ण होने के बाद दुकान का रिन्यूअल कर पुन: किराया बढ़ा कर दुकानें उन्हें ही आवंटित कर दी जा सकती है, तो हम सभी छोटे दुकानदारों को भी किराया बढ़ाकर दुकानें पुन: रिन्यू की जा सकती हैं। आवेदन में अपनी व्यथा जताते हुए दुकानदारों ने कहा है कि यह सही है कि दुकान नगर परिषद का है और नगर परिषद जब चाहे तब दुकान खाली करवा सकता है, लेकिन यह छोटे-छोट 80 दुकानदार अपनी और खुद से जुड़े कम से कम 10 लोगों का भरण-पोषण एवं पढाई-लिखाई में अक्षम हो जाएंगे। इस हिसाब से 8000 लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। एकमात्र आजीविका का सहारा छिन जाने के कारण हमलोगों का परिवार दाने-दाने का मोहताज हो जाएंगे। सुबोध कुमार जूस दुकानदार, अरविंद कुमार पान दुकानदार, मो.मुमताज काज-बटन दुकानदार, पंकज कुमार पान दुकानदार, राकेश कुमार चाट-पकौड़ा दुकानदार आदि कहते हैं कि हम सभी पर नगर परिषद सहयोगात्मक रवैया अपनाए और हमारी चिंता दूर करे ताकि हम सभी सुकून से जीवन जी सकें। ------------------ गरीबों का उत्थान था मकसद, इसका ध्यान रखे नगर परिषद नवादा। इन 80 दुकानदारों ने अपने आवेदन में यह भी कहा है कि इन दुकानों का निर्माण नाले पर किया गया था। इन दुकानों के निर्माण का मकसद गरीबों का उत्थान करना था, ताकि कम से कम जगह पर भी दुकान चला कर दुकानदार अपने और परिजनों का भरण-पोषण कर सकें। जब गरीबों के लिए ही यह योजना बनायी गयी थी तो गरीबों को अब उजाड़ने का कोई अर्थ नहीं है। हमलोगो की दुकानों से न तो किसी प्रकार की जाम की समस्या उत्पन्न होती है और न ही अन्य कोई बाधा है। अगर खाली करवाना निहायत ही जरूरी है तो दोनों तरफ की दुकानों को खाली करवाने बात होनी चाहिए। दुकानदारों ने यह भी कहा है कि चूंकि हमारी दुकानें नाला पर बनायी गयी हैं, तो नाला की सफाई बाधित होने जैसी कोई स्थिति बनने पर हमलोग उस दिन अपनी दुकानें बंद रखने को तैयार हैं, जिस दिन नाला की सफाई होगी। इससे नगर परिषद को सहयोग मिल जाएगा और सफाई कार्य में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इन परिस्थितियों में सभी दुकानदारों ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सभी 80 दुकानों को उन्हीं दुकानदारों के नाम पर पुन: आवंटित करने की मांग उठायी है। किराया का बकाया राशि भी हम लोग एकमुश्त देने के लिए तैयार हैं। साथ ही नगर परिषद भविष्य में कोई नया नियम बनाता है तो उसे भी मानने के लिए सभी दुकानदार तैयार हैं। ---------------------- दुकानदारों ने सहयोग नहीं मिलने पर दी है आत्मदाह की धमकी इस पूरे मामले पर दुकानदारों के बीच भारी उहापोह की स्थिति बनी हुई है। सभी को यह डर सता रहा है कि उन्हें कभी भी सड़क पर आ जाना पड़ेगा। उनकी पेट पर कभी भी लात लग सकती है। इससे डरे-सहमे दुकानदारों ने घोर निराशा की स्थिति में आ कर आवेदन में कहा है कि यदि हमारे बारे में समुचित कदम उठाते हुए सहयोग नहीं किया जाता है तथा यदि हम गरीबों की दुकानें तोड़ दी जाती है, तो हम सभी अपने पूरे परिवार के साथ नगर परिषद कार्यालय अथवा जिला पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी जवाबदेही पूरी तरह से नगर परिषद की होगी। ----------------------------------------------------------- दुकानदारों की व्यथा : हम सब छोटे दुकानदार आजीविकाविहीन हो जाएंगे। हमारे सामने जीवन-मरण का प्रश्न उठ खड़ा हुआ है। विकल्पहीनता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जमी-जमायी दुकानदारी छूटने का खामियाजा फिर पूरी जिंदगी भुगतने की नौबत आ जाएगी। इस के मद्देनजर हम सभी पर सहानुभूति विचार की जाए और दुकानें पुन: आवंटित की जाए। -जितेन्द्र चौरसिया, पान दुकानदार। हम सभी दुकानदारों ने हमेशा से ही नियमों का पालन किया है। दुकान का किराया ससमय दिया है। विगत कुछ वर्षों से दुकान रिन्यूअल नहीं हो पाने की स्थिति संभवत: नगर परिषद में किराया जमा नहीं हो पा रहा है लेकिन हम सभी इसे एकमुश्त भी देने को तैयार हैं। ऐसे में हमारी दुकानें हमें ही आवंटित कर यह उहापोह की स्थिति खत्म की जाए। -टिंकू कुमार, पान दुकानदार। काफी मशक्कत के बाद हमने अपनी दुकानदारी जमायी और अब यह आफत झेलने की नौबत आ गयी है। हम सभी को कुछ भी सूझ नहीं रहा है कि इन परिस्थितियों में हम करें तो क्या करें और जाएं तो कहां जाएं। नगर परिषद हमारी परिस्थितियों पर समय ले कर विचार करे और हम दुकानदारों के हित में एक स्थायी समाधान निकाले ताकि सब सही हो सके। -प्रकाश कुमार ओम, कम्प्यूटर दुकानदार। चाय की छोटी सी दुकान चला कर एक बड़े परिवार का भरण-पोषण करना पहले से ही टेढ़ी खीर साबित होती रही है और अब नगर परिषद का यह नोटिस हमारी तो जान ही निकाल रहा है। हमारी मुश्किल यह है कि इसी क्षेत्र में हमारे नियमित ग्राहक बंधे हैं। उनका छूट जाना पेट पर आफत बन कर गिरेगा। इस स्थान से हम कहीं जाने लायक नहीं रह जाएंगे। -सूरज कुमार, चाय दुकानदार। --------------------- वर्जन: नियमानुसार 80 दुकानदारों को दुकान खाली करने का नोटिस भेजा गया है। कानूनन दुकान खाली करना ही एकमात्र विकल्प है। इसके बाद ही नगर परिषद कोई ठोस कदम उठा पाएगी। लेकिन इस संबंध में संबंधित दुकानदारों का आवेदन भी मिला है। उनकी परेशानियों और सारी परिस्थितियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। जल्द ही इस संबंध में एक बैठक बुलायी जाएगी। दुकानदरों का अहित न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। कोई समुचित कदम ही उठाने का प्रयास किया जाएगा। -पिंकी कुमारी, मुख्य पार्षद, नवादा नगर परिषद।

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