शराबबंदी की आड़ में अधिकारी कर रहे कमाई, 40 हजार करोड़ का काला कारोबार; तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा
तेजस्वी यादव ने शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि राज्य में शराब का 40 हजार करोड़ का कालाबाजार बन गया है। शराबबंदी की आड़ में अधिकारी काली कमाई कर रहे हैं। 99 फीसदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासी समाज के लोगों को शराबबंदी कानून के तहत जेल में डाला जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना स्थित प्रदेश राजद कार्यालय में शराबबंदी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होने आंकड़े बताकर नीतीश सरकार पर हमला बोला। तेजस्वी ने शराबबंदी कानून के सहारे अधिकारियों द्वारा काली कमाई किये जाने के आरोप लगाए। उन्होने कहा कि 3 करोड़ 86 लाख लीटर से अधिक शराब की बरामदगी हुई है। जिसमें करीब डेढ़ लाख लीटर देशी शराब है। उन्होंने सवाल किया कि इतनी अधिक मात्रा में विदेशी शराब गरीब और वंचित समाज के लोग तो नहीं पी सकते। तो, फिर ये किसके लिए भेजी जा रही है। बिहार में शराब की आपूर्ति कौन करता है, और किसके इशारे पर की जा रही है।
तेजस्वी ने कहा कि शराब का बिहार में करीब 40 हजार करोड़ का कालाबाजार बन गया है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार पुलिस पॉलिटिकल टूल (राजनीतिक उपकरण) बन चुकी है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर सलेक्टिव होकर काम करने का भी आरोप लगाया, और कहा कि वो एक-एक अधिकारी को जानते हैं। वक्त आने पर उनके नाम भी सार्वजनिक किए जाएंगे।
तेजस्वी ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत अब तक 9 लाख 36 हजार 949 मुकदमे अब तक दर्ज किए गए हैं। जिसमें 14 लाख 32 हजार 837 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिसमें से 14 लाख 20 हजार 700 से अधिक दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और आदिवासी समाज के हैं। यानी कि 99 फीसदी लोग पिछड़े और दलित समाज के लोग हैं। एक फीसदी गिरफ्तार लोगों में अन्य राज्यों और गैर पिछड़ा और गैर दलित लोग शामिल हैं।