बिहार के 280 बूथ लेवल एजेंटों को पहली बार मिला चुनाव संबंधी प्रशिक्षण
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए बीएलए के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बिहार के विभिन्न जिलों से 280 बीएलए...

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की गुणवत्ता और पारदर्शिता की मजबूती के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने एक नई पहल की है। पहली बार, बिहार के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (16-17) का आयोजन नई दिल्ली में किया गया। बुधवार को प्रशिक्षण के पहले दिन बिहार के विभिन्न जिलों से आए करीब 280 बीएलए शामिल हुए। इनमें राज्य के दस मान्यता प्राप्त दलों के बीएलए शामिल हुए। जानकारी के अनुसार, यह प्रशिक्षण भारत के चुनाव और लोकतंत्र प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने किया। मौके पर आयोग के अधिकारियों ने बीएलए की भूमिका को लोकतंत्र की जड़ों तक पारदर्शिता पहुंचाने वाला एक अहम माध्यम बताया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बीएलए का प्रशिक्षण 4 मार्च 2025 को आयोजित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों के सम्मेलन में सुझाए गए सुधारों का हिस्सा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशिक्षित बीएलए, मतदाता सूची में त्रुटियों की पहचान और समय रहते सुधार में राजनीतिक दलों और प्रशासन के बीच एक मजबूत कड़ी बनेंगे। जानकारी के अनुसार, प्रशिक्षण में बीएलए को मतदाता सूची के अद्यतन, संशोधन, आपत्तियों और उनके समाधान से संबंधित कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। साथ ही, उन्हें यह भी बताया गया कि यदि मतदाता सूची में कोई गलती रह जाती है तो वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(ए) और 24(बी) के अंतर्गत अपील प्रक्रिया का कैसे लाभ उठा सकते हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस प्रशिक्षण सत्र में बिहार के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों- भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी लेनिनवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बीएलए प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस पहल से न केवल मतदाता सूची अधिक सटीक और त्रुटिरहित बनेगी, बल्कि राजनीतिक दलों के जमीनी प्रतिनिधियों में चुनाव प्रक्रिया के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी, जिससे लोकतंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता और मजबूत होगी। प्रशिक्षण के बाद राजद के बीएलए मनीष यादव, कांग्रेस के बीएलए मनोज कुमार पांडेय ने अपने अनुभवों को साझा किया और इसे चुनाव आयोग का बेहतर प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि पहली बार आयोग ने दिल्ली बुलाकर उन्हें चुनाव संबंधी बारीकियों की जानकारी दी है।
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