Emergency Service Improvement Six Monitors Installed for Critical Patients at Purnea Medical College इमरजेंसी सेवा में घायल रोगी की मरहमपट्टी के लिए अलग कक्ष, Purnia Hindi News - Hindustan
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इमरजेंसी सेवा में घायल रोगी की मरहमपट्टी के लिए अलग कक्ष

-छह बेडों पर मॉनिटर की सुविधा प्रदान की गई पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में इमरजेंसी सेवा में गंभीर मरीजो

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाWed, 7 May 2025 03:45 AM
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इमरजेंसी सेवा में घायल रोगी की मरहमपट्टी के लिए अलग कक्ष

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में इमरजेंसी सेवा में गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। यहां गंभीर मरीजों के लिए दस में छह बेडों पर मॉनिटर की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा किसी भी तरह के गंभीर परेशानी मसलन सांस लेने में दिक्कत,ब्लड प्रेशर, दम फूलने जैसे रोगी को तत्क्षण चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल जाता है। पहले इस परेशानी से जुड़े रोगी को दिक्कत होने की स्थिति में रेफर कर दिया जाता था मगर इस नई सुविधा को दिए जाने के बाद किसी भी तरह के ज्यादा गंभीर रोगी को तुंरत मॉनिटर की सुविधा के अर्न्तगत रोगी की उच्च रक्तचाप, आक्सीजन की स्थिति आदि तुंरत देख लिया जाता है जिससे इमरजेंसी सेवा में भर्ती होने के साथ चिकित्सकीय सुविधा का लाभ मिलने लगता है।

शुरुआत में दो मॉनिटर की सुविधा लगाई गई थी मगर धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर कुल छह बेड पर यह सुविधा सुनिश्चित की गयी है। इधर, इमरजेंसी सेवा में आने वाले सड़क हादसे या फिर किसी अन्य हादसे के जख्मी रोगी को मरहमपट्टी के लिए अलग से कक्ष की सुविधा मिल गयी है। पहले इमरजेंसी वार्ड के बेड पर ही भर्ती किया जाता है। अब इस सुविधा को पूरी तरह से अलग कर दिया गया है। -रोगी को 24 घंटे इमरजेंसी सेवा का लाभ: राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के इमरजेंसी सेवा में 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधा का लाभ मिल जाता है। यहां तीन शिफ्ट में इमरजेंसी सेवा संचालित होती है। पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दिन के 2 बजे तक चलता है। जबकि दूसरी शिफ्ट दिन के 2 बजे से रात्री 9 बजे तक है। अंतिम और तीसरा शिफ्ट में रात्री 9 बजे से सुबह 8 बजे तक संचालित होती है। इन सभी शिफ्ट से डेढ़ सौ से दो सौ की संख्या में इंडोर से लेकर आउटडोर तक रोगी आते हैं। इन रोगियों में अत्यधिक गंभीर रोगी को इंडोर सेवा में पहले इमरजेंसी सेवा में फिर सुधार दिखने की स्थिति में वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। इससे रोगी को इन दिनों काफी राहत मिलने लगी है। मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ भरत कुमार बताते हैं कि मॉनिटर की सेवा गंभीर मरीजों के चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने के लिए लगी है। इस सुविधा का लाभ भी लोगों को मिल रहा है।

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