सीमावर्ती गांवों में संदिग्धों के बारे में जुटाई जा रही जानकारी
-हिन्दुस्तान विशेष :-हिन्दुस्तान विशेष : -------------- -सीमा पर 91 आउट पोस्ट से रखी जा रही संदिग्धों पर नजर -सुपौल, अररिया, किशनगंज से लगती है

पूर्णिया, धीरज। सीमावर्ती जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है। खासकर सीमा से सटे गांवों में बसे संदिग्धों की जानकारी स्थानीय स्तर पर जुटाई जा रही है। बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से सटे कोसी-सीमांचल में संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सीमांचल और कोसी के तीन जिलों सुपौल, अररिया, किशनगंज से 278 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। सीमा पर कोई फेंसिंग नहीं है। यह सीमा पूरी तरह से खुली हुई है। आपरेशन सिंदूर के बाद सीमा से सटे तीन जिलों में 91 आउट पोस्ट से सुरक्षाबलों के द्वारा कड़ी निगहबानी की जा रही है।
बांग्लादेश से सटे किशनगंज जिला में सुरक्षा घेरा सबसे अधिक मजबूत किया गया है। कोसी और सीमांचल में किशनगंज जिला में सीमा की लंबाई सबसे अधिक 112.03 किलोमीटर है। यहां सशस्त्र सीमा बल के 40 आउट पोस्ट से सरहद पर चौकसी बरती जा रही है। किशनगंज में 11 सीमावर्ती थानों की पुलिस टीम के अलावा 40 गश्ती दलों की तैनाती की गयी है। एसएसबी एवं सीमावर्ती थाना के द्वारा संयुक्त रूप से रोजाना पेट्रोलिंग की जा रही है। इसी तरह अररिया जिला नेपाल से सटा हुआ है। अररिया जिला में सीमा की लंबाई 105 किलोमीटर है। यहां आउटपोस्ट की संख्या 35 है। आठ सीमावर्ती थाने हैं। सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए 43 गश्ती दलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है जो रोजाना पेट्रोलिंग कर रही है। इसी तरह सुपौल भी नेपाल सीमा से सटा हुआ है। सुपौल जिला में सीमा की लंबाई 61 किलोमीटर है। यहां 16 आउट पोस्ट से सरहद की गतिविधियों पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर है। इसके अलावा पांच सीमावर्ती थानों की पुलिस टीम के अलावा 13 गश्ती दलों के द्वारा भी संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। -एसएसबी-स्थानीय थाना को संयुक्त रूप से रोजाना पेट्रोलिंग का निर्देश : -पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद सीमावर्ती जिले अररिया एवं किशनगंज जाकर पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी एवं निगरानी हेतु एसएसबी एवं स्थानीय थाना को संयुक्त रूप से प्रत्येक दिन पेट्रोलिंग तथा सघन वाहन जांच करने के कहा गया है। सीमावर्ती इलाकों में सघन वाहन जांच कर शराबंदी को हर हाल में प्रभावी बनाने का निर्देश दिया गया। समीवर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने को लेकर सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी संबंधित थानाध्यक्ष, सीओ एवं बीडीओ समन्वय स्थापित कर चौकीदारों एवं संबंधित अधिकारियों को सक्रिय करते हुए कार्य सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। -मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद सीमावर्ती जिलों में विशेष सर्तकता : -ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले एक माह से लगातार कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच जिलों के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूर्णिया में 10 मई को समीक्षा बैठक कर सीमावर्ती जिले में सुरक्षा संबंधी निर्देश दे चुके हैं। सीमावर्ती इलाकों में पूरी तरह से सतर्कता बरतने की हिदायत के बाद पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है। इसके बाद सीमा पर स्थित सड़कों पर लगातार गश्ती के साथ आने-जाने वालों की जांच की जा रही है। यही नहीं सड़कों, पुलों, रेलवे लाईन एवं धार्मिक स्थलों जैसे संवेदनशील स्थानों पर निगरानी रखी जा रही है। सीएम की बैठक में केंद्रीय सुरक्षा बल एसएसबी, बीएसएफ के साथ एयरफोर्स, रेलवे के अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने सभी को समन्वय बनाकर सीमावर्ती जिलों में चौकसी का निर्देश दिया था।
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