जिले में 22 हजार से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अर्न्तगत 17 आरबीएसके की टीम प्रखंड क

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अर्न्तगत 17 आरबीएसके की टीम प्रखंड क्षेत्र में स्क्रीनिंग में जुटी हुई है। जिले में मार्च में 22 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। आरबीएसके की ओर से इस अभियान के माध्यम से ऐसे छोटे बच्चे जिन्हें गंभीर बीमारी है उसे चिन्हित कर उन्हें ऑपरेशन की चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कराने में सहयोग प्रदान किया जाता है। इसके लिए जिले के सभी अलग-अलग प्रखंड क्षेत्र के आगंनबाड़ी केन्द्र या फिर स्कूलों में स्क्रीनिंग का अभियान चलाया जाता है। इस स्क्रीनिंग के जरिए ऐसे किसी भी तरह के छोटे बच्चों में गंभीर परेशानी होने पर ऑपरेशन की सुविधा का लाभ प्रदान किया जाता है। यह अभियान जिले में नियमित रूप से चल रहा है। इसके लिए जिले में मुख्यालय स्तर पर डीआईसी केन्द्र संचालित है। यहां भी केन्द्र में जानकार कर्मी बच्चों को उचित जांच और उपचार के लिए पूर्ण प्रक्रिया कर हाईयर सेंटर भेजने में सहयोग प्रदान करते हैं। बच्चों को एम्बुलेंस की नि:शुल्क सुविधा के माध्यम से हाईयर सेंटर भेजकर ऑपरेशन की सुविधा का लाभ प्रदान किया जाता है।
-विभिन्न बीमारी से ग्रसित बच्चों की होती है स्क्रीनिंग :
-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अर्न्तगत छोटे बच्चों में कई तरह की परेशानी होती है। मसलन हृदय रोग की परेशानी या फिर दिल में छेद जैसी समस्या है। बच्चों के होठ, तालू आदि टेढ़े मेढ़े हैं। बहरापन, हड्डियों की विकृति समेत दर्जनों गंभीर जटिल केस की समस्या हैं। इन केस में बगैर किसी तरह की ऑपरेशन के उपचार की सुविधा नहीं मिल सकती है। ऐसे बच्चों को बाल हृदय योजना के तहत हाईयर सेंटरों में जहां ऑपरेशन की सुविधा सुलभ है। ऐसे जगहों पर बच्चों को भेजकर समुचित उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाती है। इस अभियान में फरवरी माह से अभी तक एक दर्जन बच्चों को ऑपरेशन की सुविधा का लाभ मिला है।
-छोटे गंभीर बच्चों को मिलती है चिकित्सा सुविधा का लाभ:
-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ संदीप कुमार ने बताया कि यह अभियान छोटे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। बच्चों को प्रखंड क्षेत्र से चिन्हित कर जिला केन्द्र में भेजा जाता है। यहां भी बच्चों की जांच होती है। जांचोंपरांत बच्चों को हाईयर सेंटर भेजा जाता है। बच्चों को भेजने में सारी सुविधाएं सरकार की ओर से नि:शुल्क होती है। इसके लिए बच्चों और अभिभावकों को एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है। इस अभियान को आरबीएसके की टीम अंजाम देती है। एक टीम में चार सदस्य होते हैं। इनमें दो चिकित्सक और एक एएनएम और एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल होते हैं। एक टीम को एक दिन में 80 बच्चों का स्क्रीनिंग करना होता है। मार्च माह तक 22 हजार बच्चों का स्क्रीनिंग किया गया।
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