पीएचडी में नामांकन नहीं होने से खफा छात्र शुरू करेंगें अनशन आज
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पीएचडी में नामांकन नहीं होने से खफा छात्र गुरुवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में अनशन शुरू करेंगें। पैट 2023 में न

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पीएचडी में नामांकन नहीं होने से खफा छात्र गुरुवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में अनशन शुरू करेंगें। पैट 2023 में नामांकन के लिए हुए साक्षात्कार के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा रिजल्ट जारी किया गया, मगर रिजल्ट घोषणा के 50 दिन बाद भी नामांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से पीएचडी पैट 2023 उर्तीण अभ्यार्थी अपने-अपने भविष्य को लेकर परेशान हो रहे हैं। इसके निमित्त में पैट 2023 परीक्षा उर्तीण अभ्यार्थी पूर्णिया विश्वविद्यालय में अनशन पर बैठेंगें और भूख हड़ताल शुरू कर पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा सीमाचंल के गरीब तबके के विद्यार्थियों के साथ किये जा रहे शोषण व दोहन की पोल खोलेंगें। इस दौरान पैट 2023 में नामांकन और पैट 2024 में अप्लाई की तिथि घोषित नहीं होने तक भूख हड़ताल जारी रहने की चेतावनी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी गई है।
...विश्वविद्यालय में तोड़ा जा रहा है छात्र-छात्राओं का मनोबल:
छात्र नेता राजा कुमार ने बताया कि अब मजबूरन पूर्णिया विश्वविद्यालय मुझे अनशन के लिए मजबूर कर रही है। पीएचडी 2023 में नामांकन की प्रक्रिया को इतना लंबा करना छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधकार में डालने का काम पूर्णिया विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया है। पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी मानसिकता के कारण पीएचडी नामांकन में देरी कर रही हैं और आर्थिक तौर पर कमजोर छात्र एवं सीमावर्ती छात्रों को परेशान किया जा रहा है, जो नामांकन प्रक्रिया आज से 50 दिन पूर्व ही ले ली जाती, उसको लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति आए दिन समय लेते हैं और हर समय यह कहते हैं कि मुझे अभी आए हुए कितने ही दिन हुए हैं इस विश्वविद्यालय में आये हुए। जब भी किसी मुद्दे पर बात होती है तो उत्तेजित हो जाते हैं और बातों को काटकर कुछ और ही बातें करने लगते हैं। हर समय अनुशासन का पाठ पढ़ने का कार्य करते हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय में मनोबल तोड़ने का काम किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि पूर्णिया विश्वविद्यालय से स्नाकोत्तर की पढ़ाई उन्होंने की। वही पीएचडी की नामांकन प्रक्रिया में मेरा रिजल्ट आया हुआ है। इतना दिन हो गया है और नामांकन प्रक्रिया जानने के लिए जब भी विश्वविद्यालय जाता हूं टालमटौल का रवैया अपनाकर भ्रम में डाल दिया जाता है। कई बार आवेदन व ज्ञापन सौपने पर भी कोई कार्य नहीं हुआ, जब आंदोलन किया गया तो उनके द्वारा पुलिस बुलाकर केस करने की धमकी तक दे दी जाती है। वहीं डीएम कुमार ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय की मंशा पहले से ही साफ नहीं है क्योंकि पूर्व के कुलपति के द्वारा पैट 2020 पीएचडी अप्लाई के नाम पर विद्यार्थियों का पैसा लेकर उनकी परीक्षाएं नहीं आयोजित कराई गई थी। ऐसे में छात्र नेताओं के उग्र आंदोलन के बाद 2022 में उस परीक्षा को आयोजित की गई, लेकिन उसमें से सिर्फ कुछ विद्यार्थियों के पैसे को एडजस्ट किया गया और वही कितनों के पैसे अब तक एडजस्ट नहीं किए गए हैं। इस प्रक्रिया को चालू कर पैट 2024 में भी अप्लाई प्रक्रिया शुरु कर दी गई और उसे किसी कारणवश बताकर बंद कर दिया गया है, यह लोग फिर से वही दोहराना चाह रहे हैं क्योंकि वह भी जांच का विषय है कि जिन विद्यार्थियों का पैसा अभी तक एडजस्ट नहीं किया गया है उन पैसे का विश्वविद्यालय क्या कर रही है और उसको लेकर कोई पहल अभी तक क्यों नहीं की जा रही है। यूजीसी के गाइडलाइंस के अनुसार पैट 2024 में 50 प्रतिशत सीट एवं 50 प्रतिशत यूजीसी से क्वालिफाइड विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होंगी। ऐसे में विश्वविद्यालय जानबूझकर यहां के विद्यार्थियों का दोहन कर रही है। वहीं नेट की 2025 के लिए अप्लाई आ चुकी है। छह महीने से यहां के छात्राओं के हकमारी की जा रही है, ऐसे में हम लोग मजबूरन अपनी हक को लेने के लिए शांतिपूर्ण अमरण अनशन को लेकर प्रतिबद्ध हो गए हैं और गुरुवार से छात्रहित में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु किया जायेगा। विश्वविद्यालय जब तक दो मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक आंदोलन चलेगा। पेट 2023 में नामांकन की तिथि और पैट 2024 में अप्लाई की तिथि घोषित जब तक नहीं की जायेगी, तब तक भूख हड़ताल पर डटे रहेंगे।
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