Human Trafficking and Red Light Area Issues in Saharsa A Growing Concern शहर के लिए कलंक बना हुआ है रेड लाइट एरिया, Saharsa Hindi News - Hindustan
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शहर के लिए कलंक बना हुआ है रेड लाइट एरिया

सहरसा में विकास योजनाओं के बीच भारतीय नगर का रेड लाइट एरिया मानव तस्करी का केंद्र बना हुआ है। यहां लड़कियों, नाबालिगों और महिलाओं का देह व्यापार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। पुलिस की छापेमारी के...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाSat, 12 April 2025 02:46 AM
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शहर के लिए कलंक बना हुआ है रेड लाइट एरिया

सहरसा, नगर संवाददाता एक तरफ जहां सहरसा शहर के विकास के लिए योजनाओं बनाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर सहरसा सिमरीबख्तियारपुर मुख्य मार्ग पर स्थित भारतीय नगर का रेड लाइट एरिया शहर के माथे पर कलंक बना हुआ है। जहां बड़े पैमाने पर मानव तस्करी हो रही है। बिचौलिये के माध्यम से बच्ची, नाबालिग, महिलाओं आदि की देह व्यापार के लिए खरीद फरोख्त की जाती है। जब कभी पुलिस की कार्रवाई होती है तो बिचौलिये लड़कियों को एक शहर से दूसरे शहर में स्थित रेड लाइट एरिया में पंहुचा देते हैं। अगर सख्ती और गहराई से जांच हो तो आज भी सहरसा रेड लाइट एरिया में बड़ी संख्या में लड़कियों की जिंदगी देह व्यापार के दलदल से मुक्त हो सकती है। कोरोना लाकडाउन के दौरान पटना पुलिस ने सदर थाना पुलिस के सहयोग से एक नाबालिग लड़की को भारतीय नगर स्थित रेड लाइट एरिया में बरामद किया था। पटना के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र से एक 12 वर्षीय नाबालिग लड़की लाकडाउन लागू होने के कुछ दिनों पूर्व अपने घर से दूध लाने के दौरान गायब हो गई थी। परिजनों द्वारा खोजबीन के दौरान लड़की का कुछ पता नहीं चला। परिजनों द्वारा पुलिस से भी सम्पर्क किया गया लेकिन इसी बीच कोरोना-वायरस संक्रमण के कारण लाकडाउन लागू कर दिया गया।वहीं इसी दौरान कुछ दिनों पूर्व लड़की ने किसी मोबाइल फोन नंबर से अपने परिजनों से सम्पर्क साधा। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने लड़की को बरामद किया।

रेड लाइट एरिया में कई बार हुई है छापेमारी :रेड लाइट एरिया में जिस्मफरोशी को लेकर कई बार छापेमारी हो चुकी है। दूसरे जगहों से लाकर लड़कियों से धंधा कराने की सूचना पर कई बालिग और नाबालिग लड़की को मुक्त भी कराया गया है।कई बार किसी तरह जान बचाकर भागने के दौरान लड़कियों को स्थानीय लोगों की मदद से आजादी मिली है।कोरोना लाकडाउन के दौरान पटना पुलिस ने सदर थाना पुलिस के सहयोग से एक नाबालिग लड़की को भारतीय नगर स्थित रेड लाइट एरिया में बरामद किया था। पटना के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र से एक 12 वर्षीय नाबालिग लड़की लाकडाउन लागू होने के कुछ दिनों पूर्व अपने घर से दूध लाने के दौरान गायब हो गई थी। परिजनों द्वारा खोजबीन के दौरान लड़की का कुछ पता नहीं चला। परिजनों द्वारा पुलिस से भी सम्पर्क किया गया लेकिन इसी बीच कोरोना-वायरस संक्रमण के कारण लाकडाउन लागू कर दिया गया।वहीं इसी दौरान कुछ दिनों पूर्व लड़की ने किसी मोबाइल फोन नंबर से अपने परिजनों से सम्पर्क साधा। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने लड़की को बरामद किया।

भागी थी लड़की : 2017 मार्च महीने में सीतामढ़ी निवासी लड़की मौका देखकर भागी थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सुचना देकर लड़की को सुपुर्द कर दिया था। जिसके बाद रेड लाइट एरिया में छापेमारी की गयी थी। वहीं जुन 2016 में पटना के एनजीओ की सुचना पर पुलिस ने छापामारी कर तीन लड़कियों को मुक्त कराया गया था। दो को गिरफ्तार किया गया था। वहीं भोलू खलीफा की गिरफ्तारी के लिए मुजफ्फरपुर रेल पुलिस व सहरसा पुलिस ने भी संयुक्त रूप से छापेमारी की थी।बेतिया जिला के सिंहासनी टोला निवासी 16 वर्षीय युवती बचपन से ही अपने चाची के घर पर रहती थी। सहेली से मिलने नरकटियागंज गयी और वहां से वापस लौटने के दौरान रास्ते में मिली एक महिला अनिता देवी ने 20 हजार रुपये प्रति महीने की नौकरी देने का लालच देकर देवर साथ मिलकर स्प्रे बेहोश कर दिया। जब उसकी आंख खुली तो वह रेड लाइट एरिया में थी । जहां वह प्रमोद, अंजु और मंजु के घर से दिपावली की रात भाग निकली। पटना जिला अंतर्गत दिघवारा निवासी एक युवती गांव के मुखिया पुत्र से प्रेम करती थी। जिससे मिलने गयी तो गांव के लोगों ने देख लिया। जिस डर से वह सोनपुर स्टेशन पहुंच गयी।जहां एक महिला ने उसे बहला-फुसलाकर सहरसा रेड लाइट एरिया में पहुंच दिया। दोनों दिपावली की रात भागकर जीआरपी थाना पहुंची तो जान बची।

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