Vat Savitri Puja Celebrated with Devotion Despite Rain in Simri Bakhtiyarpur वट सावित्री व्रत में दिखी श्रद्धा की अनूठी छटा, Saharsa Hindi News - Hindustan
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वट सावित्री व्रत में दिखी श्रद्धा की अनूठी छटा

सिमरी बख्तियारपुर में सोमवार को वट सावित्री पूजा का पर्व शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक श्रृंगार कर वट वृक्ष की पूजा की और अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना की। यह पर्व नारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाTue, 27 May 2025 04:02 AM
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वट सावित्री व्रत में दिखी श्रद्धा की अनूठी छटा

सिमरी बख्तियारपुर, निज संवाददाता। सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में सोमवार रिमझिम बारिश के बावजूद भी आस्था, भक्ति एवं अखंड सौभाग्य की कामना का पर्व वट सावित्री पूजा शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मौके पर बड़ी संख्या में सुहागिनों ने पारंपरिक श्रृंगार कर विधिपूर्वक वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की। सुबह से ही महिलाएं लाल साड़ी, मांग में सिंदूर, हाथों में चूड़ियां और थाल में पूजन सामग्री के साथ वट वृक्ष के समीप एकत्रित हुईं। व्रतधारिणी महिलाओं ने 16 श्रृंगार कर वट वृक्ष की सात परिक्रमा करते हुए अपने पति की दीर्घायु, सुख-शांति और अखंड सौभाग्य की कामना की। पूजा स्थलों पर वैदिक मंत्रोच्चार और व्रत कथा पाठ से वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो गया।

सावित्री-सत्यवान की गाथा बनी प्रेरणा:पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन देवी सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण पुनः प्राप्त किए थे। तभी से यह व्रत नारी शक्ति के समर्पण और प्रेम का प्रतीक बन गया है। वट वृक्ष में त्रिदेवों का वास: शास्त्रों के अनुसार वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और डालियों में शिव का वास होता है। अग्निपुराण के अनुसार यह वृक्ष पुनर्जन्म और उत्सर्जन का प्रतीक है। इसीलिए महिलाएं इसकी पूजा कर संतान, सौभाग्य और समृद्धि की कामना करती हैं। चने के प्रसाद के बिना अधूरा है व्रत: व्रत में चने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इसके बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। पूजन उपरांत महिलाओं ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं और प्रसाद वितरण किया। मौके पर मौसम कुमारी, कीर्ति देवी, ज्योति देवी, राधा देवी, सुनीता देवी, विमला देवी, शोभा देवी, अनीता देवी, माधुरी देवी, कंचन देवी, किरण देवी, आशा देवी, मंजू देवी, रेखा देवी, सहित हजारों महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा कर व्रत कथा का श्रवण किया। नारी शक्ति की आस्था का पर्व: वट सावित्री व्रत न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन की पवित्रता, आत्मिक एकता और स्त्री शक्ति की निष्ठा का उत्सव है। इस पर्व ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय संस्कृति में नारी की श्रद्धा, विश्वास और प्रेम ही समाज की असली शक्ति है।

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