निगम में तो शामिल कर लिया पर न रास्ता दे रहे न जलनिकासी का उपाय
समस्तीपुर के धरमपुर उत्तरवारी मोहल्ले में एक हजार की आबादी है, जो बारिश के दौरान जलजमाव और सफाई की कमी से परेशान है। नगर निगम बने दो साल हो गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। स्थानीय लोग जलापूर्ति...
समस्तीपुर। शहर के वार्ड-5 स्थित धरमपुर उत्तरवारी मोहल्ले में एक हजार की आबादी रहती है। इस मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बरसात के दिनों में कमरभर पानी से होकर निकलना पड़ता है। नगर निगम बने दो साल हो गए, लेकिन अब तक पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हुई है। मोहल्ले में नियमित रूप से सफाई की जाती है। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है। स्ट्रीट लाइट नहीं रहने के कारण रात के अंधेरे में निकलने से डर लगता है। स्थानीय लोग जिला और नगर निगम प्रशासन से समस्या का निदान चाहते हैं ताकि इस बरसात में लोगों को जिल्लत नहीं झेलनी पड़े।
शहर के धरमपुर उत्तरवारी टोले में एक हजार की आबादी रहती है। पहले यह इलाका ग्रामीण क्षेत्र में था। वर्तमान में नगर निगम के वार्ड-5 का हिस्सा है। स्थानीय सुधीर हजारी व मिलन कुमाए बताते हैं कि नगर निगम की तरफ से इस मोहल्ले की शुरू से उपेक्षा होती आ रही है। नगर निगम बने हुए तीन साल होने को हैं, अभी तक जरूरतमंद लोगों तक कोई सुविधा नहीं दी गई है। सबसे खराब हालत जलापूर्ति की है। पानी की टंकी से जलापूर्ति पूरी तरह बंद है। लंबे समय से यह बेकाम है। स्थानीय ननकी राम, राजू राम व पप्पू कुमार का कहते हैं कि जिस समय यह क्षेत्र पंचायत के अधीन था, उस समय पानी की टंकी लगी थी। कुछ दिनों तक पानी मिला, उसके बाद से पानी मिलना बंद हो गया। यह अभी तक बंद ही है। अब तो पानी टंकी का ऑपरेटर भी वेतन नहीं मिलने के कारण इसे छोड़कर चला गया। नल-जल योजना की पाइप टूट-फूट कर खत्म हो गई है। लोगों को जल-संकट से जूझना पड़ता है। कई परिवार तो पानी का पानी खरीद रहे हैं तो कई एक-दूसरे के घर से मदद लेते हैं। एक भी सरकारी चापाकल नहीं है। वार्ड पार्षद के सामने इस समस्या को लोगों ने कई बार रखा है, लेकिन अभी तक समस्या के निदान की कोई पहल नहीं हुई है। मेयर, नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक को कार्यालय से ही फुर्सत नहीं है। जिससे वे लोग यहां आकर उनकी समस्या देखें। उत्तरवारी टोला के लोगों को अपने मोहल्ले से निकलने के लिए सड़क तक नहीं है। पानी निकासी के लिए नगर निगम के स्तर से नाला तीन साल में भी नहीं बनाया गया। किसी पोल पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। मोहल्ला में कभी न झाड़ू लगता है न कूड़ा उठता है। बरसात में जलजमाव हो जाता है। हर समय गंदगी के कारण नारकीय स्थिति रहती है। हर बरसात के मौसम मे यहां पानी का बड़ा जमाव होने लगता है। बरसात व उसके महीनों बाद तक कमरभर पानी जमा हो जाता है। पानी पार कर लोग ताजपुर रोड पहुंचते हैं, वह भी रेलवे ट्रैक को पार कर। महिलाओं, स्कूली बच्चों व मरीजों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। बाहर निकलने का कोई सार्वजनिक रास्ता नहीं रहने से मरीजों, गर्भवती महिलाओं, स्कूली बच्चों, बुजुर्गों के साथ बड़ा संकट रहता है। बरसात के समय में आपात स्थिति में गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना सबसे बड़ी समस्या रहती है। कारण, रेलवे ट्रैक पर हर आधे-एक घंटे पर ट्रेनों का परिचालन होता रहता है। ट्रेन निकलने के इंतजार में गर्भवती महिला प्रसव के दर्द से कराहती रहती हैं। उनके साथ बड़ा रिस्क रहता है। बस्ती के लोग बताते हैं कि जल्दबाजी में रेलवे लाइन पार कर निकलने के कारण कई लोग ट्रेन की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं। पिछले दिनों भी एक व्यक्ति ट्रेन से कट कर मर गया। उनके इलाके की समस्या पंचायती राज में भी दूर नहीं हुई थी। वर्तमान में नगर निगम भी समस्या को दूर नहीं कर रहा है। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। वे लोग अब उसी को वोट देंगे जो उनकी समस्या को दूर करेंगे। हर नेता ने उनके साथ छल किया है। हर चुनाव के समय नेता लोग लंबी चौड़ी बात कर उनका वोट ले जाते हैं। जब विकास की बात आती है, तब वे नजर ही नहीं आते हैं। वार्ड 5 के इन पीड़ित दलित परिवारों की गंभीर समस्या से मैंने मेयर व नगर निगम आयुक्त को बहुत पहले ही अवगत करा दिया था। बाद में भी कराया, फिर भी अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। पब्लिक काफी कष्ट में हैं व आक्रोशित हैं। इस बार की बारिश से पूर्व उनकी समस्याओं का हल नहीं की गई उनका आक्रोश सड़क तक पहुंच सकता है। पिंकी कुमारी, वार्ड पार्षद, 5, नगर निगम, समस्तीपुर। बोले-जिम्मेदार नगर निगम में बोर्ड के गठन के बाद से सड़क और नाला सहित अन्य विकासात्मक कार्य ही किया जा रहा है। वार्ड 5 नया वार्ड है। वहां भी जो विकास का काम किया जाना है, उसे किया जाएगा। पानी टंकी को चालू कराने की कार्रवाई की जाएगी। सफाई व्यवस्था पर भी पहल किया जाएगा। अनिता राम, मेयर, नगर निगम, समस्तीपुर।
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